संदेह के घेरे में अधिकारी:NCB ने दो अधिकारियों को सस्पेंड किया, ड्रग्स केस में दीपिका की मैनेजर और भारती की मदद का आरोप

मुंबई। बॉलीवुड में ड्रग्स कनेक्शन की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अपने ही दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। दोनों पर दो आरोपियों को जमानत दिलाने में मदद का आरोप लग रहा है। NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।

जमानत याचिका की सुनवाई पर मौजूद नहीं रहे

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों अधिकारी कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिंबाचिया और दीपिका पादुकोण की मैनेजर करिश्मा प्रकाश के खिलाफ दर्ज केस में जांच अधिकारी हैं। बताया जा रहा है कि भारती और हर्ष की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान NCB का कोई भी अधिकारी अदालत नहीं पहुंचा था। कोर्ट को बिना जांच एजेंसी का पक्ष जाने ही भारती और हर्ष को जमानत देनी पड़ी थी। NCB को संदेह है कि ऐसा ही कुछ उस वक्त हुआ था, जब दीपिका पादुकोण की मैनेजर रहीं करिश्मा प्रकाश को अग्रिम जमानत मिली थी।

NCB को सरकारी वकील पर भी संदेह

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ दो ऑफिसर ही नहीं, NCB को अपने प्रोसीक्यूटर पर भी संदेह है। बताया जा रहा है कि दोनों ऑफिसर्स के साथ-साथ सरकारी वकील भी दोनों मामलों में जमानत याचिकाओं की सुनवाई के लिए निर्धारित समय पर अदालत में पेश होने में असफल रहे, जिसके चलते आरोपियों को जमानत मिल गई।

क्या है भारती सिंह का मामला?

NCB की छापेमारी में भारती के घर और ऑफिस से 86 ग्राम से ज्यादा गांजा बरामद हुआ था। इसके बाद उन्हें और उनके पति हर्ष लिंबाचिया को हिरासत में लिया गया था। भारती ने पूछताछ में हर्ष के साथ गांजा लेने की बात कबूल की थी।

22 नवंबर को भारती और 23 नवंबर को हर्ष की गिरफ्तारी हुई थी और उन्हें 4 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। हालांकि, 24 नवंबर को दोनों को जमानत मिल गई थी। NCB ने इस जमानत याचिका के खिलाफ स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी।

करिश्मा के मामले में क्या हुआ?

बात करिश्मा प्रकाश की करें तो नवंबर में NCB ने छापेमारी में उनके घर से कम मात्रा में ड्रग्स बरामद किया था। NCB सूत्रों के मुताबिक, करिश्मा के इस घर से सीबीडी ऑइल की तीन शीशियां भी जब्त की गई थीं। जब उन पर गिरफ़्तारी की तलवार लटकी तो बचने के लिए उन्होंने कोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत दी थी और जांच में सहयोग देने के लिए कहा था।

इस बीच NCB ने करिश्मा पर जांच में सहयोग न देने का आरोप लगाया और वे कोर्ट से उन्हें कस्टडी में लेकर पूछताछ करने की इजाजत चाहते थे। लेकिन ताजा रिपोर्ट की मानें तो पिछले सप्ताह जांच अधिकारी और सरकारी वकील करिश्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं रहे, जिसके चलते उन्हें अग्रिम जमानत दे दी गई है।

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