उज्जैन,अग्निपथ। बडऩगर में करीब पांच साल पहले हुई किसान की हत्या के केस में शनिवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। न्यायालय ने दोषी को आजीवन कारावास व अर्थदंड दिया है। इस दौरान दोषी द्वारा रियायत बरतने की अपील को ठुकराते हुए कोर्ट ने कहा कि समाज में संदेश जाना चाहिए कि अपराध करने वाला बच नहीं सकता।
बडऩगर स्थित ग्राम बरगाड़ी निवासी किसान दिलीप माली और उसके भाई ओमप्रकाश को बिहारी पिता हीरादास बैरागी (51) निवासी अंधेरिया बाग हॉल मुकाम अहमदाबाद ने जमीन बेची थी। पूरी राशि देने के बाद भी बिहारी दो लाख रुपए मांग रहा था। 50 हजार में समझौता होने पर दिलीप ने 16 जून 2016 को सोयाबीन बेचकर उसे 20 हजार रुपए दे दिए थे, लेकिन शेष राशि को लेकर उसने इसी रात दिलीप को खेत में टामी से हमलाकर हत्या कर दी थी।
17 जून को दिलीप का शव मिलने पर अज्ञात पर शक हुआ था, लेकिन जांच के बाद बिहारी के खिलाफ केस दर्ज किया था। मामले में अब तक की सुनवाई के बाद बडऩगर अपर सत्र न्यायाधीश ने शनिवार को फैसला सुनाया। उन्होने बिहारी को दोषी सिद्ध होने पर आजीवन कारावास व दो हजार रुपये अर्थदंड दिया। प्रकरण में शासन की ओर से एजीपी कलीम खान ने पैरवी की। जानकारी अभियोजन अधिकारी डॉ. साकेत व्यास ने दी।
ऐसे हुआ था खुुलासा
16 जून 2016 को रात 10.30 बजे दिलीप बाइक से खेत पर सोने के लिये रवाना हुआ था। सुबह उसके भतीजे ने दिलीप को खेत में रक्तरंजित व मृत हालत में देखा था। गवाहों ने बताया था कि रात को दिलीप और बिहारी साथ में थे। भाई ओम ने कहा था कि बिहारी ने रुपए के लिए दिलीप को परेशान कर रखा था। इन्हीं बिंदुओं पर जांच के बाद बिहारी के पकड़ाने पर वारदात का खुलासा हुआ था।
इसलिए खारिज किया निवेदन
कड़ी सजा मिलने पर बिहारी ने निवेदन किया कि वह गरीब है इसलिये उसे न्यूनतम कारावास दिया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि दंड का आशय केवल अभियुक्त को दडिंत करना नहीं बल्कि समाज में संदेश जाना चाहिए कि देश में विधि का शासन है और अपराध करने वाला कानून से बच नहीं सकता है।