टीकाकरण में लापरवाही का आरोप
देवास, अग्निपथ। शहर के एक बाशिंदे की मौत के करीब छह माह बाद उत्तरप्रदेश में कोरोना का टीका लगाया गया है। इस कारनामें का विधिवत उप्र शासन की ओर से प्रमाण पत्र भी जारी किया है। इससे कोरोना वैक्सीनेशन में लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।
युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि वैक्सीनेशन अभियान में प्रदेश सहित पूरे देश में ही कोविड टिके लगने के फर्जी आंकड़े सामने आ रहे है। पाण्डेय द्वारा प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखकर, राज्य सरकारों की लापरवाही पर सवाल खड़े करते हुए मामले से अवगत कराया। पत्र में बताया गया देवास के प्रताप नगर क्षेत्र में रहने वाले शिवशंकर लोखंडे की अमलतास अस्पताल बांगर में 24 अप्रैल को मौत हो गई थी। उसके बाद भी इसी पखवाड़े में मृतक शिवशंकर को कोविड टीके का दूसरा डोज 18 अक्टूबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरदाई बरछाई उप्र में लगाया गया। शासन द्वारा विधिवत प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है, जो की शासन के कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह है, मृतक व्यक्ति का टीकाकरण कर प्रमाणित करना सरकार की कोरोना वैक्सीन के प्रति लापरवाही है।
मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी
अमितेश पाण्डेय ने बताया कि शिवशंकर लोखंडे की मृत्यु अमलतास अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान अप्रैल में हुई थी। जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र देवास के रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु ग्राम पंचायत बांगर जनपद पंचायत देवास 22 मई 2021 को पंजीकृत कर 26 मई 2021 को जारी किया गया था। इसके बाद भी टीकाकरण का प्रमाण पत्र जारी होना सिस्टम की लापरवाही को उजागर करता है। उक्त घटना एक बड़ी धांधली का भी विषय है।
कई लोगों को नहीं लगे और बताया टीकाकरण
पाण्डेय ने बताया कि भारत सरकार की इस लापरवाही का खामियाजा आम जन को भुगतान पड़ा है। कई स्वास्थ्य केंद्र पर देखने मे आया कि व्यक्ति टीका लगाने गया और उन्हें यह कहा गया कि आप को दोनों टीके लग चुके हैं।
कई लोग भारत सरकार द्वारा जारी फर्जी प्रमाण पत्र के कारण अपने दूसरे डोज से वंचित हुए हैं। सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदेश प्रवक्ता द्वारा जांच की मांग की है एवम जिन्हें सरकार की लापरवाही के कारण टीके नहीं लग पाए है, ऐसे लोगों को चिन्हित कर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाए ऐसी मांग की गई है।