उज्जैन,अग्निपथ। पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) संगठन के कारण देशर में बड़ा विवाद हो सकता था,लेकिन पुलिस की सजगता से टल गया। हुआ यू कि पीएफआई ने प्रशासन को त्रिपुरा की घटना के विरोध में ज्ञापन दिया था, इसमें बहुसंख्यक समाज के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया गया था। बात उजागर होती इससे पहले ही माधवनगर पुलिस ने शनिवार रात केस दर्ज कर आधा दर्जन को गिरफ्तार कर लिया।
त्रिपुरा में हो रही घटनाओं को लेकर पीएफआई ने 29 अक्टूबर को प्रदेश भर में ज्ञापन दिया था। उद्देश्य उपद्रवियों पर कार्रवाई की मांग था। इसी संबंध में शहर में पीएफआई से जुड़े लोग भी ज्ञापन देने कोठी पहुंचे थे। प्रशासनिक अधिकारी के नहीं मिलने पर मुख्य पदाधिकारी अपना नाम लिखा ज्ञापन आवक जावक शाखा में दे आया।
शनिवार को अधिकारियों ने ज्ञापन पड़ा तो उसमें बहुसंख्यकों को खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बात लिखी देख सकते में आ गए। विवादास्पद बात उजागर होने से देश भर में तनाव की स्थिति निर्मित हो सकती थी। इसलिए पुलिस ने गोपनीय तरीके से शनिवार रात करीब एक दर्जन लोगों पर धारा 155,188 व 295 के तहत केस दर्ज तुरंत छह आरोपियों को तलाशकर गिरफ्तार किया और जमानतीय प्रकरण होने पर उन्हें पूछताछ के बाद जमानत पर छोड़ दिया। मामले में पुलिस को चार-पांच आरोपियों की और तलाश है।
आरोपी बोले टाईपिस्ट की त्रुटि
खास बात यह है कि आरोपियों ने गिरफ्तारी होते ही स्वर बदल लिए। कहा उनका उद्देश्य कुछ और लिखने का था, लेकिन टाईपिस्ट की गलती से आपत्तिजनक लिखा गया। हालांकि पुलिस उनकी बात से पूरी तरह सहमत नहीं हुई।
सीसीटीवी फुटेज से पहचान
शायद आपत्तिजनक ज्ञापन देने के बाद पीएफआई सदस्यों को उनकी पहचान होने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन तुरंत ही पुलिस ने कोठी क्षेत्र के सीसी टीवी फुटेज खंगाले। आरोपियों की पहचान आगर नाका, बेगमबाग, फाजलपुरा आदि क्षेत्रों के होने का पता चलते ही उन्हें तलब कर लिया।
इनका कहना
ज्ञापन में आपत्तिजनक बात लिखने पर केस रजिस्टर्ड कर छह लोगों को गिरफ्तार किया ओर स्टेटमेंट लिखकर जमानत पर छोड़ दिया। -सत्येंद्र कुमार शुक्ला,एसपी