उज्जैन, अग्निपथ। घट्टिया तहसील में सिंचित जमीन को असिंचित बताकर रजिस्ट्री करने के मामले में कलेक्टर के निर्देश पर चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने राजस्व में नुकसान को लेकर केस दर्ज कर लिया है। वहीं अब इस मामले में तहसीलदार और पटवारी की लापरवाही पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से ग्रामीणों में नाराजगी है।
ग्रामीणों ने कलेक्टर से मांग करते हुए कहा कि पटवारी और तहसीलदार की जांच के बाद ही जमीन का नामांतरण होता है। इन मामलों में उन्होंने भी लापरवाही बरती है। इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। गौरतलब है कि घट्टिया एसडीएम और थाना प्रभारी ने 3 गांव के चार लोगों को आरोपी बनाया है। इसमें फरियादी उप पंजीयक प्यारेलाल सोलंकी है।
उनकी शिकायत पर कमल बंजारा, कमलाबाई, लीलाबाई, जितेंद्र मालवीय के खिलाफ धारा 420 का प्रकरण दर्ज किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि रजिस्ट्री कराने के लिए जाने वालों के मामले में अफसरों को मौके पर जांच करनी चाहिए थी। जमीन सिंचित है या असिंचित है। पटवारी और तहसीलदार ने नामांतरण के समय इस बात का ध्यान नहीं रखा और अब ग्रामीणों पर एफआईआर दर्ज करवाकर अपने को बचा लिया है।