उज्जैन, अग्निपथ। सोयाबीन के बाजार में पहुंचने के साथ ही जिले में अब गेंहू और चने की बुआई की शुरूआत हो गई है। बुआई के साथ ही जिले में उर्वरक की मांग भी बढऩे लगी है। उर्वरक के मामले में किसानों से ज्यादा रकम की वसूली नहीं हो, इसके लिए कलेक्टर के निर्देश पर उप संचालक कृषि द्वारा विकासखंडवार दल बनाए गए है। जांच में यदि जिले में कहीं भी उर्वरक के लिए निर्धारित दाम से ज्यादा रूपए वसूले गए तो ऐसे मामले में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
कृषि उप संचालक आरपीएस नायक के मुताबिक रबी सीजन में 20 अक्टूबर से 20 दिसंबर के बीच जिले में गुणवत्ता नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। खाचरौद, बडऩगर, महिदपुर, तराना और उज्जैन विकासखंड में विभिन्न दल उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर लगातार जांच कर रहे है। कृषि उप संचालक ने बताया कि उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण के दौरान पीओएस मशीन में उपलब्धता अनुसार उर्वरक के भौतिक सत्यापन के साथ ही उर्वरक व बीज के नमूने लेने की प्रक्रिया जारी है। विक्रेताओं को हिदायत दी गई है कि वे पीओएस मशीन के माध्यम से उचित मूल्य पर ही उर्वरक का विक्रय करें व रिकार्ड संधारण व्यवस्थित रूप से करें। यदि कहीं भी उर्वरक के अधिक दाम वसूले जाने की शिकायत मिली तो कार्यवाही की जाएगी।
इससे ज्यादा नहीं वसूल सकते दाम
- यूरिया- 266.५० रुपए प्रति बैग
- डी.ए.पी.- 1200 रुपए प्रति बैग
- पोटाश- 1000 रुपए प्रति बैग
- इफको(एनपीके) 12:32:16- 1450 रुपए प्रति बैग
- 10:26:26: इफको (एनपीके)- 1440 रुपए प्रति बैग
- कृभको एन.एफ.एल. (एनपीके) 12:32:16- 1470 रुपए प्रति बैग
- सिंगल सुपर फास्फेट(पावडर)- 274 रुपए
- सिंगल सुपर फास्फेट(दानेदार)- 304 .५० रुपए प्रति बैग
इनका कहना
निर्धारित दर से ज्यादा रूपए वसूले जाने पर किसान नजदीकी कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हमने विकासखंडवार सभी कृषि विकास अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक किए हैं। – आर.पी.एस. नायक, उप संचालक कृषि