पांच दिवसीय दीपोत्सव शुरू, आज धनतेरस, सबसे पहली पूजा महाकाल की

पुरोहित परिवार करेगा सुबह 9.30 बजे केवल पूजन-अर्चन, अभिषेक रसीद नहीं कटने से केवल परंपरा का निर्वहन

उज्जैन, अग्निपथ। पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व की शुरुआत आज मंगलवार से होगी। महाकालेश्वर मंदिर में आज धनतेरस पर्व मनेगा। लेकिन चांदी के सिक्के न्यौछावर (बंटना) नहीं हो पाएंगे। केवल पुरोहित परिवार के सदस्य पूजन अर्चन कर सांकेतिक रूप से पर्व मनाएंगे।

चांदी के सिक्के न्यौछावर नहीं होने के पीछे विगत कोरोना काल के चलते पुरोहितों की अभिषेक रसीदें नहीं कटना सामने आया है। हालांकि आज धनतेरस का पर्व ग्रह गोचर के विशेष संयोग में 60 साल बाद भौम प्रदोष में मनाया जाएगा। यह व्यापारियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रदोष तिथि विशेष मानी जाती है। इसी प्रदोष पर धनत्रयोदशी का भी त्यौहार मनाया जाता है। क्योंकि प्रदोष के समय जिस तिथि का आगमन हो या जिस तिथि का स्पर्श हो उस स्थिति को ग्राहृ किया जाता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि इस बार 2 नवंबर को मंगलवार के दिन त्रयोदशी होने से भौम प्रदोष का महापर्व आ रहा है। बहुत कम संयोग बनते हैं जब मंगलवार के दिन हस्त नक्षत्र का प्रदोष काल में योग बनता है। साथ ही अलग-अलग प्रकार के संयोग का अनुक्रम रहेगा।

मंगल आदित्य बुधादित्य का भी होगा संयोग

ग्रह गोचर में प्रदोष काल के समय सूर्य मंगल बुध तीनों ग्रहों की युति रहेगी। तुला राशि में रहने वाली यह युति शुभ मानी जाती है। बाजार की स्थिति को प्रबलता देते हुए यह संयोग भी लाभकारी रहेगा। इसके साक्षी में आने वाली प्रदोष विशेष शुभ तथा धनकारी मान जाती है।

मंगल का रहेगा केंद्र योग

भौम प्रदोष पर तुला राशि में सूर्य मंगल बुध की युति तो होगी ही, साथ ही केंद्र की दृष्टि से गणना करें तो मंगल केंद्राधिपति होने के साथ-साथ वर्गोत्तम की स्थिति में रहेगा। रियल स्टेट तथा भूमि से जुड़े अन्य व्यवसाय की गति बढ़ेगी।

चांदी के सिक्के न्यौछावर नहीं, केवल भगवान को चढ़ेगा

धनतेरस पर मंगलवार को पुरोहित समिति देश में सुख-समृद्धि और आरोग्यता की कामना से भगवान महाकाल का अभिषेक-पूजन करेगी। पुरोहित समिति के अध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने बताया कि भगवान को सुख-समृद्धि के लिए चांदी का सिक्का अर्पित कर पूजा-अर्चना की जाएगी। कोरोना काल के चलते समिति सदस्यों को सिक्के बांटने (न्यौछावर) की परंपरा रद्द की गई है। क्योंकि विगत दो वर्ष से अभिषेक रसीदें कम संख्या में कट रही हैं।

सावन मास को छोडक़र अभिषेक रसीदें कटने की संख्या में काफी कमी आई है। इसका मुख्य कारण श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश होना सामने आया है। हालांकि इस मामले को लेकर पुरोहित समिति कई बार जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुकी है। लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

आयुर्वेदिक औषधालय गोपाल मंदिर पर आज धन्वंतरि पूजा

नगरनिगम द्वारा गोपाल मंदिर पर संचालित आयुर्वेदिक औषधालय में आज सुबह 10 बजे भगवान धन्वंतरि की पूजन कार्यक्रम रखा गया है। औषधालय प्रभारी नरेन्द्र चावड़ा ने बताया कि इस अवसर पर निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता को भी आमंत्रित किया गया है। अस्पताल के स्टाफकर्मी लियाकत भाई और गोकुल भैया द्वारा पूजन की व्यवस्था की जाएगी।

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