मंदिर प्रशासक धर्मपत्नी सहित हुए शामिल, सिक्का न्यौछावर करने की परंपरा नहीं निभाई
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में हर त्यौहार सबसे पहले मनाया जाता है। मंगलवार को धनतेरस पर्व मनाया गया। पुरोहित समिति द्वारा मनाया जाने वाला धनतेरस पूजन कार्यक्रम में चांदी के सिक्के बांटने की परंपरा है। लेकिन इस बार इस परंपरा को स्थगित रखा गया। हालांकि उल्लास पूर्वक भगवान महाकाल, कुबेर, माता पार्वती, धनवंतरी सहित अन्य देवी देवताओं का पूजन अर्चन किया गया।
नंदीहाल में सुबह 9 बजे पुरोहित समिति के 21 सदस्यों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पूजन अर्चन का कार्यक्रम शुरू किया गया। इस अवसर पर कुबेर, गणेश, सरस्वती, महालक्ष्मी और धनवंतरी भगवान का सुख समृद्धि और आरोग्यता के लिए पूजन अर्चन किया गया। मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ और उनकी पत्नी की मौजूदगी में पूजन अर्चन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
पूजन के पश्चात मिठाई प्रसाद आदि का वितरण किया गया। पुरोहित समिति के अध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा और लोकेंद्र व्यास ने बताया कि प्रतिवर्ष परंपरा अनुसार सबसे पहले भगवान महाकाल के आंगन में धनतेरस पर्व सहित अन्य पर्व मनाए जाते हैं। यहां पर पूजन के पश्चात प्रशासनिक कार्यालय में भी धनतेरस पर्व पर पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर पं. भूषण व्यास, पं. विश्वास कराडकर, तिलक व्यास, संदीप शर्मा आदि उपस्थित रहे।
चिकित्सालय में भी हुआ धन्वंतरि पूजन
मंदिर के फेसिलिटी सेन्टर स्थित चिकित्सालय में भगवान धन्वंतरि का पूजन-अर्चन किया गया। पूजन-अर्चन दोपहर 12 बजे संपन्न कराया गया । इस दौरान मंदिर के सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी, अनिल श्रीवास्तव, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरपी गेहलोत, डॉ. देवेन्द्र परमार, सुधीर चतुर्वेदी तथा मंदिर के कर्मचारी उपस्थित थे।