सच्ची घटना दिखाने के लिए छात्र ने खुद को किया था घायल, केस खारिज होगा
उज्जैन,अग्निपथ। निकास चौराहे से कोचिंग जा रहे छात्र का दिन-दहाड़े अपहरण होना। उसका इंदौर में रोते हुए मिलना और कार सवारों द्वारा ले जाने की घटना झूठी निकली। बालक ने मोबाइल गेम में मॉ के अकाउंट से डेढ़ हजार के टापप डलवाने पर डर के कारण यह कहानी बनाई थी और सच साबित करने के लिए ाुद को घायल भी किया था।
जीवाजीगंज क्षेत्र सितलामाता मंदिर क्षेत्र का 15 वर्षीय बालक 10 वीं का छात्र है। 28 अक्टॅूबर की रात वह इंदौर के राजवाड़ा में रोते हुए मिलने पर लोगों ने उसे सरार्फा थाने पहुंचाया था। वहा उसने पुलिस को बताया था कि दो बदमाश कोचिंग जाते समय निकास चौराहे से उसे बेहोश कर कार की डिक्की में डालकर ले जा रहे थे। उन्होंने उसे पीटा भी। मौका मिलने पर वह उनके चुगंल से छूटकर भाग निकला। गंभीर मामला देख पुलिस ने परिजनों को बुलाकर बालक को सौंप दिया साथ ही अज्ञात अपहरणकर्ताओं के खिलाफ जीरो पर कायमी कर जांच के लिए डायरी कोतवाली पुलिस को भेज दी थी।
सनसनीखेज मामला देख टीआई अमित सोलंकी ने गंभीरता से जांच शुरू कर बालक से पूछताछ की। पहले वह अपहरण की कहानी दोहराता रहा,लेकिन परिजनों से बचाने के आश्वासन पर सोमवार को कबूला कि वह मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता है। उसने गेम में मॉ के अकाउंट से करीब 1500 रुपए के टॉपप डलवा लिए। इसके मैसेज मॉ के पास आने के डर से भाग गया था।
सोश्यल मीडिया से आईडिया
बालक ने पुलिस को बताया कि मॉ से बचने के लिए उसे सोश्यल मीडिया से ही आईडिया आया ओर उसने अपहरण की कहानी बना दी। यकीन दिलाने के लिए कंपास के उपकरणों से जांघ पर मामूली घांव कर लिए। घायल देखकर सभी ने विश्वास कर लिया किसी ने ज्यादा पूछताछ नहीं की। सच सामने आने के बाद टीआई सोलंकी ने बताया कि बालक को समझाईश दे दी है। केस में खारजी काटी जाएगी।