नगर निगम द्वारा लंबे समय बाद अवैध कॉलोनी वालों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने आधा दर्जन कॉलोनाइजरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पिछले लंबे समय से कालोनाइजरों के हौसले बुलंदी पर थे। निजी जमीन पर बिना किसी शासकीय अनुमति के कॉलोनी काटने का काम तो कई कॉलोनाइजर कर ही रहे थे। कुछ तो इससे भी चार कदम आगे निकलकर शासकीय जमीन को ही बेचने पर तुले हुए थे। कहीं ना कहीं कॉलोनाइजरों को नगर निगम और प्रशासन का खौफ नहीं बचा था। कालोनाइजरों को ऐसा लगने लगा था कि भ्रष्टाचार की गंगा में अधिकारियों को डुबकी लगवा दो और सब काम करा लो। निगमायुक्त इस पूरी कार्रवाई के लिए बधाई के पात्र हैं अन्यथा नगर निगम के कुछ अधिकारी ऐसे मामलों में कॉलोनाइजरों को बचाने का प्रयास करते हैं। आने वाले समय में लगातार इस तरह की कार्रवाई होती रहनी चाहिए। जिससे बिना किसी शासकीय अनुमति के कॉलोनी काटने वालों में खौफ बना रहे।
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