उज्जैन, अग्निपथ। म.प्र.शासन, विक्रम विश्वविद्यालय और कालिदास संस्कृत अकादमी के संयुक्त प्रयास से इस बार का अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन देवप्रबोधनी एकादशी यानि 15 नवंबर से शुरू होगा। यह समारोह 21 नवम्बर तक चलेगा। कालिदास समारोह में इस बार 16 नवंबर को देश के ख्यात पाश्र्व गायक शंकर महादेवन की प्रस्तुती भी होगी। इसके अलावा भी समारोह के दौरान हर रोज सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कालिदास समारोह की आयोजन समिति द्वारा प्रतिदिन किए जाने वाले कार्यक्रमों का केलेंडर घोषित किया गया है। समारोह की पूर्व संध्या पर 14 नवम्बर को पद्मश्री भारती बन्धुओं रायपुर द्वारा कबीर गायन की प्रस्तुती दी जाएगी। इसी दिन मनोज सर्राफ उज्जैन द्वारा धु्रपद गायन की प्रस्तुति दी जाएगी।
15 नवम्बर को संस्कृत नाटक ‘‘मालविकाग्निमित्रम् की प्रस्तुति बुन्देलखण्ड नाट्यकला समिति, झांसी द्वारा दी जाएगी। इसका निर्देशन कृपांशु द्विवेदी करेंगे। शहर की शास्त्रीय नृत्यांगना ऋतु शर्मा भी प्रस्तुती देंगी। 16 नवम्बर शंकर महादेवन का गायन होगा।
17 नवम्बर ‘‘सम्राट् विक्रमादित्य’पर आधारित नाट्य का प्रस्तुतिकरण होगा। 18 नवम्बर लोकनाट्य माच महाकवि कालिदास की प्रस्तुति मालव लोककला केन्द्र कृष्णा वर्मा के निर्देशन में दी जाएगी। इसी दिन शास्त्रीय नृत्य मयूरी सक्सेना, उज्जैन द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
19 नवम्बर वीरांगना नृत्य नाटिका की प्रस्तुति सुचित्रा हरमलकर एवं समूह इन्दौर द्वारा दी जाएगी। इसी दिन मुद्रा बेन्द्रे इन्दौर द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुती दी जाएगी। 20 नवम्बर को शास्त्रीय नृत्य ओडिसी की प्रस्तुति शोभा बेनर्जी एवं समूह नई दिल्ली व नृत्य नाटिका धन्य अवंतिके की प्रस्तुति पलक पटवर्धन के निर्देशन में होगी।
21 नवम्बर संस्कृत बैंड ‘ध्रुवा द्वारा संजय द्विवेदी, भोपाल के निर्देशन में शास्त्रीय वादन की प्रस्तुति दी जाएगी। इसी दिन सिंधी नाटक साधु सुन्दरी का मंचन भी सिन्धु प्रवाह संस्था द्वारा किया जाएगा। आयोजन के दौरान कालिदास स्मरण समिति, उज्जैन द्वारा समारोह के तारतम्य में संस्कृत श्लोकपाठ प्रतियोगिता का आयोजन भी 13 एवं 14 नवम्बर को सिंहपुरी में किया जाएगा।