पीडि़ता कोर्ट में मुकरी फिर भी दोषी को 20 साल की सजा

डीएनए रिपोर्ट व जन्म प्रमाण-पत्र के आधार पर अपहरण व दुष्कर्म केस में फैसला

उज्जैन,अग्निपथ। छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म करने के करीब दो साल पुराने प्रकरण में बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। न्यायालय ने पीडि़ता द्वारा घटना से मुकरने के बाद भी डीएनए रिपोर्ट और जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर दोषी को 20 साल की कड़ी सजा सुना दी।

घटनानुसार 6 जनवरी 2020 को 16 वर्षीय छात्रा बाजार से साबुन लाने और भतीजे को स्कूल छोडऩे गई थी। इसी दौरान शाजापुर निवासी राहुल (21) ने उसका अपहरण कर दुष्कर्म किया था। बेटी के शाम तक घर नहीं पहुंचने पर उसकी मां ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने खोजबीन कर किशोरी को बरामद किया तो उसने बताया था कि राहुल ने उसका अपहरण व दुष्कर्म किया।

नतीजतन पुलिस ने अपहरण, दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर राहुल को गिरफ्तार किया था। चालान में पुलिस ने पीडि़ता की डीएनए टेस्ट के साथ उसका जन्म प्रमाण पत्र भी चालान में लगाया। यहीं वजह है पीडि़ता द्वारा कोर्ट में घटना से मुकरने के बाद भी राहुल दोषी सिद्ध हुआ। नतीजतन अब तक की सुनवाई के बाद षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश डॉ.आरती शुक्ला पाण्डेय ने बुधवार को फैसला सुनाया। उन्होंने राहुल को 20 वर्ष सश्रम कारावास के साथ तीन हजार रुपए अर्थदंड दिया।

कोर्ट ने कहा पीडि़ता व समाज हित जरुरी

अभियुक्त ने निवेदन किया कि उसकी उम्र को देखते हुये नरम रूख अपनाया जाये। इस पर जज ने टिप्पणी में लिखा कोर्ट को केवल आरोपी के अधिकार ही नहीं पीडिता व समाज के हित को भी ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा अपराध की गंभीरता और सजा में उचित अनुपात जरुरी है अन्यथा पीडित और समुदाय को बड़ा नुकसान हो सकता है। प्रकरण में शासन का पक्ष विशेष लोक अभियोजक सूरज बछेरिया ने रखा। जानकारी उपसंचालक अभियोजन डॉ.साकेत व्यास ने दी।

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