उज्जैन, अग्निपथ। कोरोना वैक्सीन के दूसरे डोज को लेकर, आज प्रशासन मैदान में उतर गया। कलेक्टर की लिए परीक्षा की घड़ी है। इसीलिये जनप्रतिनिधियों का भी सहारा लिया जा रहा है। आज बेगमबाग में सभी पहुँच गये। सांसद-विधायक-कलेक्टर-निगमायुक्त आदि। जहां सांसद ने बुजुर्ग खातून से सवाल कर लिया। इस सवाल के बदले जो जबाब मिला। उसे सुनकर, सांसद खुद अपना परिचय देने पर मजबूर हो गए।
पारस को जानती हूं…
बेगमबाग की इस खातून के पास जब,जनप्रतिनिधि पहुँचे। तो सबसे पहले विधायक पारस जैन ने उनसे बात करी। पारस जैन को खातून पहचान गयी। विधायक ने सवाल किया। वैक्सीन लगवा ली। जवाब मिला-दोनों डोज लगवा ली। यह सुनकर विधायक आगे बढ़ गए। कुर्सी खाली हो गई। जिसके बाद सांसद, खाली कुर्सी पर बैठ गए।(देखे चित्र) अब सांसद ने सवाल कर लिया। मुझे पहचानती हो? खातून ने साफ मना कर दिया।
नतीजा, सांसद ने खुद परिचय दिया। मै एमपी हूँ। सांसद की बात सुनकर,खातून ने कोई जबाब नही दिया और 1947 के दंगों की कहानी सुनाने लग गई। जिसे सुनकर सांसद चुपचाप उठकर चल दिये
कलेक्टर आशीष सिंह, वैक्सीन के दूसरे डोज के लक्ष्य को लेकर चिंतित हैं। इसी के चलते खुद मैदान में उतर गए हैं। सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन को लेकर बेगमबाग पहुँच गए।
जहाँ विधायक पारस जैन की बातचीत के बाद, सांसद खाली कुर्सी पर बैठ गए। बुजुर्ग खातून से सवाल कर लिया। सवाल के बदले क्या जवाब मिला। वह हेडिंग पढक़र ही अग्निपथ के पाठक समझ गए होंगे।