साईबर ठग द्वारा लगाए आरोपों की जांच में तेजी
उज्जैन,अग्निपथ। साईबर ठगी में भोपाल जेल में बंद आरोपी द्वारा लगाए आरोप भैैरवगढ़ जेल के कुछ अधिकारी,कर्मचारी व कैदी के लिए परेशानी का सबब बन गए है। मामले की जांच के लिए बुधवार को फिर एसआईटी जांच के लिए जेल पहुंची और संबंधितों से पूछताछ कर जांच की।
साईबर ठगी में भोपाल जेल में बंद महाराष्ट्र निवासी अनंत अमर अग्रवाल की शिकायत पर राज्य साईबर ने भैरवगढ़ जेल के अज्ञात स्टॉफकर्मी व कैदियों के खिलाफ केस दर्ज कर रखा है। गंभीर आरोप को देखते हुए जेल डीजी योगेश राव देशमुख ने एसआईटी गठित की है। टीम ने 1 अक्टूबर को आकर जांच की थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला।
मामले को तुल पकड़ते देख एसआईटी के दो सदस्य बुधवार को फिर जांच के लिए जेल पहुंचे। उन्होंने अग्रवाल द्वारा जिन स्टॉफकर्मियों पर आरोप लगाया उनसे पूछताछ कर सुक्ष्मता से जांच शुरू कर दी। याद रहे अग्रवाल ठगी के मामले में करीब दो साल भैरवगढ़ जेल में बंद था। उसके द्वारा कोर्ट में ट्रांसफर का आवेदन देने पर उसे करीब दो माह पहले भोपाल जेल भेजा गया था।
अग्रवाल ने यह लगाए आरोप
सर्वविदित है अग्रवाल ने भोपाल में जेल विभाग को शिकायत की थी कि भैरवगढ़ जेल में कुछ अधिकारी,कर्मचारी व कैदियों ने उससे लोगों के क्रेडिट कार्ड हैंक कर डार्क नेट से खरीदे क्रेडिट कार्ड के द्वारा करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करवाई है। यह भी आरोप लगाया था कि उससे कुछ आईएएस,आईपीएस,जज व राजनैताओं के फोन भी टेप करवाए। मामले में साईबर सेल डीजी देशमुख ने जांच के लिए तीन टीम गठित की है।
नामजद शिकायत,केस में अज्ञात
सूत्रों के अनुसार अग्रवाल ने दो अधिकारी,दो महिला कर्मचारी व कुछ कैदियों के खिलाफ शिकायत की है। आरोप है कि जेलर रैंक के अधिकारी उसे जेल में लेपटॉप व ईटरनेट सुविधा मुहैया कराते थे। हालांकि साईबर डीजी देशमुख ने कहा कि फिलहाल अज्ञात पर केस दर्ज किया है। मामले में अब तक कोई प्रमाण नहंी मिले है। शिकायत सहीं पाए जाने पर आरोपियों को नामजद करेंगे।
वहीं सूत्रों का दावा है कि जांच में भी पता चला है कि किसी अधिकारी ने एक किताब लिखवाने के बहाने अग्रवाल को लेपटॉप दिया था, लेकिन उससे ठगी करवाई या नहंी यह पता नहीं चल सका।