बडऩगर की एकता बस सर्विस के खिलाफ उज्जैन में आरटीओ की कार्रवाई
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में अवैध बसों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। इसका खुलासा शुक्रवार को उस समय हुआ जब आरटीओ की जांच के दौरान दो बसें बिना परमिट के चलती पाई गई। आरटीओ संतोष मालवीय ने एकता ट्रेवल्स की दोनों बसों के खिलाफ कार्रवाई कर दी है।
उनका कहना है कि बिना परमिट की बसों का संचालन करने वाले एकता ट्रेवल्स के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जा रही है। इनके खिलाफ चार से पांच लाख रुपए का जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई शिकायत के आधार पर की गई है। आगे भी अगर इस तरह की शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने बस संचालन करने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने से इनकार किया है।
आरटीओ ने बताया कि एकता ट्रेवल्स के खिलाफ लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि यह बगैर परमिट की बसों को चला रहे हैं। इसके बाद शिकायत की पुष्टि के लिए एक टीम को लगाया गया था। टीम ने जांच करने के बाद बिना परमिट की उज्जैन से झाबुआ और उज्जैन से अलीराजपुर बस चलाते हुए पाया। टीम की रिपोर्ट के मुताबिक बस संचालकों को रंगे हाथों पकड़ा गया। अब इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
परमिट सरेंडर करके लगाया जा रहा था चूना
बताया जाता है कि एकता ट्रेवल्स ने इंदौर से चलने वाली बसों के परमिट को सरेंडर कर दिया था। उसके बाद बिना परमिट के बसों का इंदौर से झाबुआ और अलीराजपुर संचालन किया जा रहा था। इस रूट पर जिन लोगों ने परमिट ले रखा है उनका नुकसान होने लगा था, इसके चलते वे लगातार आरटीओ कार्यालय में शिकायत कर रहे थे। शिकायत पर जांच की गई। शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई की गई।
टैक्स माफी अपडेट नहीं
कोरोना काल में बसें नहीं चलने की वजह से बस संचालकों पर लाखों रुपए का टैक्स बकाया हो गया था। इसकी माफी के लिए बस ओनर ने सौ दिन तक बसें नहीं चलाकर आंदोलन किया था। इसके बाद सरकार झुकी थी और कोरोना काल का टैक्स माफ किया था।
बताया जाता है कि आरटीओ कार्यालय में यह टैक्स कंप्यूटर में अपडेट नहीं हो पाया। इस वजह से कई बस संचालकों पर लाखों रुपए टैक्स बकाया दिख रहा है। परन्तु इन लोगों ने टैक्स जमा कर दिया है और इन्हें हाथ से परमिट बनाकर दे दिए गए हैं। जांच के दौरान ऐसे मामले आने पर विवाद होते हैं।
जांच के दौरान कागजात नहीं थे, इसलिए हुई कार्रवाई
इस संबंध में एकता बस सर्विस के संचालक मोहम्मद मुस्तकीम का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान बस खड़ी हुई थी। बस में रखे दस्तावेज चूहे न कुतर जाए इसके लिए कागज घर पर रख लिए थे। उसके बाद कागज को बस में ले जाने से चालक और कंडक्टर भूल गए। इसलिए जांच के दौरान बस में दस्तावेज नहीं मिले और वह बिना परमिट के पाई गई।
आरटीओ को दस्तावेज उपलब्ध करा दिए गए हैं। उन्होंने जुर्माना लगाकर शनिवार को बस छोडऩे की बात कही है। जुर्माने की रसीद अभी नहीं मिली है इसलिए कितना जुर्माना किया गया है, यह बताना मुश्किल है। शनिवार को जुर्माना भरकर बस को छुड़ा लिया जाएगा।