हैकिंग के आरोप में फंसे जेलर जांच के लिए नहीं ले गए लेपटॉप, तीन मुख्यालय अटैच

कप्यूटर साईंस जानने वाले कैदियों की जेल के ऑफिस में इंट्री बंद

उज्जैन,अग्निपथ। एक बंदी द्वारा लोगों के क्रेडिट कार्ड हैकिंग व अधिकारियों के फोन टेप करवाने के आरोप कुछ हद तक सच हो सकते है। वजह एसआईटी के आदेश के बाद भी भैरवगढ़ जेल के जेलर संतोष लडिय़ा का लेपटॉप व मोबाइल लिए बिना भोपाल जाना है। वहीं मामले में शुक्रवार को दो अधिकारी सहित तीन को मुख्यालय में अटैच किया गया है। आरोपों से सजग जेल अधीक्षक उषाराज ने कंप्यूटर साइंस के जानकार कैदियों का जेल के ऑफिस में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।

गौरतलब है साइबर ठगी के आरोपी महाराष्ट्र के अनंत अमर अग्रवाल ने राज्य साइबर सेल में शिकायत कर रखी है। आरोप लगाया कि जेल अधिकारी, कर्मचारी व कुछ बंदियों ने उससे क्रेडिट कार्ड हैकिंग व पुलिस प्रशासन व जजों के फोन टेप करवाए थे। मामले में साइबर सेल ने अज्ञात पर केस दर्ज कर जांच के लिए एसआईटी गठित की हुई है। टीम दो बार भैरवगढ़ जेल आकर संदिग्धों के बयान ले चुकी है और बुधवार को जेलर संतोष लडिय़ा, डिप्टी जेलर सुरेश गोयल को भोपाल तलब किया था। आदेश दिया था कि लडिय़ा अपना मोबाइल व लेपटॉप लेकर उपस्थित हो, लेकिन लडिय़ा खाली हाथ पहुंचे।

लेपटॉप नहीं ले जाने और उसमें कुछ नहंी होने का हवाला देने के प्रयास से आरोप कुछ हद तक सही प्रतीत हो रहे हैं। याद रहे अग्रवाल ठगी के मामले में करीब दो साल भैरवगढ़ जेल में रहा है। उसने आरोप लगाते हुए भोपाल जेल में ट्रांसफर करवाया था। मामले में प्रहरी ललित वर्मा, धर्मेंद्र नामदेव का भी नाम लिखा था, लेकिन साइबर मामला संदिग्ध होने के कारण अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच कर रही है। इधर सूत्रों के अनुसार शुक्रवार रात मामले में जेल प्रशासन ने जेलर लडिय़ा, डिप्टी जेलर गोयल व प्रहरी नामदेव को मुख्यालय में अटैच कर दिया है।

जेलर ने हाथ जोडक़र मानी गलती

सूत्रों के अनुसार जेल अधीक्षक उषा राज ने ज्वाईन करते ही मामले की जानकारी मिलने पर अग्रवाल की सेल बदलकर उस पर विशेष निगरानी करवाई थी उन्होंने मामले में प्रहरी व कैदियों से भी पूछताछ की। पता चला जेलर लडिय़ा लेपटॉप देकर अग्रवाल को ऑफिस के कमरे में बैठाते थे। एक प्रहरी द्वारा अग्रवाल को फटकार लगाने पर लडिय़ा ने उसे सस्पेंड करवा दिया था। अधीक्षक उषाराज ने माना कि एसआईटी के तलब करने पर जेलर लडिय़ा ने उनसे बचाने की गुहार लगाई थी। पूछताछ करने पर उन्होंने गलती होना स्वीकार किया है।

एलईडी के साकेट एमसील से पैक

जेल अधीक्षक उषाराज ने बताया कि आरोपों को देखते हुए साइबर क्राइम के बंदियों की सेल बदल दी। बैरकों में लगे एलईडी टीवी में सिर्फ शासकीय अनुमति वाले चैनल दिखाने के आदेश दिए और कोई पेन ड्राईव या अन्य उपकरण का इस्तमाल न कर सके इसलिए साकेट एमसील से पैक करवा दिए। उन्होंने कहा कि अब कंप्यूटर साईंस के जानकार कैदियों का ऑफिस में प्रवेश निषेध कर मुलाकातियों के मोबाइल भी मुख्य गेट के पास रखवाना शुरू कर दिया है।

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