झाबुआ-रतलाम मार्ग दुर्दशा का शिकार

थांदला। नगर से गुजरने वाले झाबुआ रतलाम मार्ग की दुर्दशा का शिकार हो रहा है। मार्ग पर टोल लगाने व सडक़ की दुर्दशा को लेकर लोगों में काफी आक्रोश था। जिस वजह से शासन को टोल बंद करने का निर्णय लेना पड़ा। प्रशासन और टोल कपंनी ने सडक़ की मरम्मत कर पुन: टोल प्रारंभ करने की बात कही थी, किन्तु टोल कंपनी का सडक़ मरम्मत का दावा हवाई ही साबित हुआ।

थांदला खवासा मार्ग के 8 किमी के अंदर ग्राम कोटड़ा तक करीब 60 गड्ढे वर्तमान में भी मौजूद हैं उसमें भी करीब एक दर्जन गड्ढे तो जानलेवा है। जिसमें गिटटी निकलकर बाहर आ रही है। दोपहिया वाहन चालकों के लिये तो यह मार्ग खतरनाक ही हैं। बड़े-बड़े गड्ढों के बीच यदि आमने सामने से वाहन आये तो वाहन चालक की दुर्घटना होने के पूरी संभावना है। टोल कंपनी ने सडक़ मरम्मत के समय इन गड्ढों को क्यों नहीं भरा गया।

टोल कंपनी ने मरम्मत कार्य पूर्ण बताकर टोल प्रांरभ करने की पूरी तैयारी कर ली थी, किन्तु लोगों के भारी विरोध व प्रभारी मंत्री के हस्तक्षेप के बाद मार्ग पर टोल बंद किया गया। ग्राम खवासा व थादला के रहवासी धर्मेन्द्र पंचाल, शाहिद खान, राजु शर्मा मनोहर पटेल का कहना है झाबुआ-रतलाम मार्ग का थांदला खवासा का हिस्सा वर्षों से दुर्दशा का शिकार है। उक्त रोड बनने के साथ ही उखडऩे लग जाता है, इस मार्ग के दुरस्तीकरण के लिय कोई ठोस योजना बनाये जाने की सख्त आवश्यकता है।

जर्जर सडक़ की वजह से लोगों तहसील मुख्यालय अस्पताल पहुंचने मे भी काफी परेशानी होती है। चूंकि यह मार्ग रतलाम सहित कई शहरों व राज्य को जोड़ता है। इस मार्ग पर आवागमन भी अधिक है, इसकी आवश्यकता पर ध्यान दिया जाना अति आवश्यक प्रतीत होता है।

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