कहा भोपाल जाकर निराकरण कर देंगे
उज्जैन, अग्निपथ। कृषि उपज मंडी बोर्ड के प्रबंध निदेशक विकास नरवाल उज्जैन आए। यहां उन्होंने उज्जैन कृषि उपज मंडी और सब्जी मंडी का देर रात निरीक्षण किया। इससे पहले उन्होंने अनाज तिलहन संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की। चर्चा में अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल ने उनसे मंडी की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में चर्चा करते हुए विशेष व्यवस्था करने का आग्रह किया ताकि किसान और व्यापारी निर्भिक होकर व्यवसाय कर सकें।
वहीं उन्होंने मंडी में पाक्षिक व्यवस्था खत्म करने का आग्रह किया। इसके तहत व्यापारियों को स्टाक की पाक्षिक रिपोर्ट देनी पड़ती है। जबकि मंडी बोर्ड का कामकाज ऑनलाइन हो गया है। ऐसे में इसकी जरूरत नहीं रह जाती है। इसके अलावा खंडेलवाल ने असिसमेंट व्यवस्था, लीज रजिस्ट्री 2009 के पूर्व करने, लीज रेंट को कम करने की मांग की। मंडी के व्यापारियों ने एमडी से कहा, मंडी बोर्ड ने व्यापार करने के लिए दुकानें दी हैं, इसमें किसानों से जुड़े उत्पाद, खाद, बीज आदि का विक्रय करने की अनुमति भी व्यापारियों को दी जानी चाहिए। इसके अलावा मंडी के बाहर की दुकानों को सेंट्री शाप में परिवर्तित किया जाना चाहिए। 10 टन के तौल कांटे छोटे कांटे लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके अलावा टाटा कंपनी द्वारा मंडी में खोदी गई सडक़ों को तत्काल ही भरवाना चाहिए।
उन्होंने सब्जी मंडी के सचिव दीपक पमनानी, कमलकुमार कोटवानी, रवि हारोड़ से चर्चा करके समस्याएँ जानीं। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे और गार्ड की व्यवस्था करने की मांग की। इस दौरान मंडी सचिव उमेश बसोडिया शर्मा, मंडी के डीएस प्रवीण वर्मा,मोहनलाल पुरोहित और सहायक संचालक योगेश नागले, अनाज तिलहन संघ अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल, मनीष जैन गावड़ी, अनिल गर्ग, अभिषेक जैन निक्की, मुकेश हरभजनका, शैलेंद्र बुंदेला आदि मौजूद थे।