जांच के बाद व्यापारी ने नहीं कराई एफआईआर
उज्जैन, अग्निपथ। फसल के पैसे मिलने के बाद भी किसान फसल के पैसे लेने पहुंच गया था। इससे मंडी में हंगामा खड़ा हो गया। किसान फसल खरीद की रसीद पर टेप चिपकाकर दूसरी बार फसल के पैसे लेने पहुंच गया था। मामले का खुलासा होने के बाद माफीनामा लिखकर दिया।
यह पूरा मामला उस समय हुआ जब मंडी में भोपाल से आए प्रबंध निदेशक जांच को आने वाले थे। इसके चलते मंडी के अफसरों बेहद गंभीरता और सर्तकता से मामले की जांच की। इसमें किसान की गलती सामने आने पर व्यापारी और किसान के बीच समझौता करा दिया।
जानकारी के मुताबिक शांति ट्रेडर्स को किसान ने नीलामी में अनाज बेचा था। इसकी मंडी में नीलामी के दौरान रसीद कटी थी। इसके बाद बाकायदा भुगतान भी किया गया था। परन्तु किसान को मंडी से जो रसीद मिली थी, उस पर कांट-छांट कर दी गई। इसके अलावा बड़ी ही सफाई के साथ लिखावट को मिटाकर उस पर टेप चिपका दी गई। इसके बाद किसान रसीद को लेकर मंडी में पहुंचा और 10, 000 बकाया भुगतान मांगने लगा। व्यापारी ने भुगतान करने की बात की तो उसने हंगामा खड़ा कर दिया।
इस पर मंडी के प्रांगण प्रभारी और अन्य लोग मौके पर पहुंचे और किसान की शिकायत की जांच की। जांच में सामने आया कि व्यापारी के पास मंडी की तीसरी रसीद रहती उसमें और किसान जो रसीद लेकर आया है उसमें अंतर है। किसान अपनी बात पर अड़ा रहा, तब उसकी रसीद पर चिपकी पर्ची को उसके सामने ही निकालकर बताया गया। किसान को समझाया गया कि वह जो कर रहा है वह धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है, उसके घर पर किसी ने पर्ची के साथ कांट-छांट की है। मंडी और व्यापारी के रिकार्ड में सब सही है।
व्यापारी ने भी किसान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के मंडी अफसरों की बात मान ली। इस दौरान शांति ट्रेडर्स पर अनाज तिलहन संघ के अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल, अनिल गर्ग, मुकेश हरभजनका, राहुल हेड़ा, एवं मंडी समिति के सभी अधिकारी मौजूद थे। किसान ने अपनी गलती का माफीनामा लिखकर भी दिया।