आरोप में घिरे तो जर्जर होना बताकर बचने का प्रयास किया; बेघरों को पहुंचाया रैन बसेरा
उज्जैन,अग्निपथ। नगर निगम ने पुलिस की मदद सेे मंगलवार को सरदारपुरा में एक चाल को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई एक गुंडे का मकान तोडऩे की आड़ में की गई। मकान बदमाश का नहीं था। उसका परिवार भी अन्य लोगों के साथ चार दशक से किराए से रह रहा था। भवन मालिक को लाभ पहुंचाने की आड़ में कार्रवाई के आरोप लगे तो जिम्मेदार भवनजर्जर होने का हवाला देकर बचने का प्रयास करते नजर आए।
सरदारपुरा स्थित चाल में गौरव पिता नन्नू पिता सुदंर यादव का परिवार करीब चालीस साल से किराए से रह रहे थे। नन्नू पर 14 केस दर्ज हंै और फिलहाल एनडीपीएस केस में वह जेल में हंै। आदतन बदमाशों के अवैध मकान तोडऩे की मुहिम में उसका नाम भी लिस्ट में शामिल किया गया था। इसी के चलते मंगलवार दोपहर नगर निगम झोन 3 की भवन निरीक्षक संगीता पंवार भारी अमले,जेसीबी ,सीएसपी विनोद कुमार मीणा, टीआई मनीष लौधा सहित भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची।
टीम को देख यहा किराए से रह रही वृद्धा भागवंता बाई और आनंदीलाल रायकवार परिवार ने बेघर होने की दुहाई देते हुए कार्रवाई रोकने की विनती की, लेकिन पुलिस और नगर निगम ने एक न सूनी और उनके आशियानों पर जेसीबी चला दी। इस संबंध में एसपी को कॉल किया, लेकिन चर्चा नहीं हो सकी।
एसपी ने की कलेक्टर से चर्चा
बिना अपराध बेसहारा करने पर रायकवार,भगवंता बाई,यादव अन्य लोगों के साथ एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला से मिले। किराए का मकान तोडऩे का पता चलते ही एसपी ने कलेक्टर से चर्चा की। उन्होंने निगम के जिम्मेदारों से पूछा तो बताया गया कि मकान जर्जर था और गिरने की संभावना के चलते बारिश से पहले धारा 410 का नोटिस दिया था। हालांकि गलती छुपाने के लिए बेघरों को दुध तलाई स्थित रैन बसेरा में रहने का इंतजाम कर उनके लिए जल्द रहने का इंतजाम करने का आश्वस्त कर मनाया।
हस्तक्षेप : मुहिम नहीं मकान मालिक के लिए
-ललित जैन
पुलिस प्रशासन गुंडों पर अंकुश के लिए मकान तोड़ रहा है, इसका कोई विरोध नहंी है,लेकिन मुहिम की आड़ में जिम्मेदार अब अपनी जेब भरने का इंतजाम करने में लग गए हंै। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण यह कार्रवाई है। उक्त मकान शराब ठेकेदार के नजदीकी रिश्तेदार के नाम है। व्यवसायिक क्षेत्र में बेशकिमती जमीन होने पर भी 40 साल से जमे किराएदारों मकान खाली नहीं करने को तैयार नहीं थे। इसलिए मुहिम की आड़ ली और अधिकारी कार्रवाई रोक न दे इसलिए निगम अधिकारियों ने उन्हें सामान बाहर निकालने का मौका दिए बगैर जेसीबी चला दी। जबकि इससे पूर्व तीन बार गरीब का मकान होने या किराएदार के बदमाश होने पर पुलिस बल बैरंग लोटा है, लेकिन इस बार निर्दोषों को बेघर करने के कारण पूरी मुहिम पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मकान जर्जर-गिराऊ था, काफी समय पहले नोटिस देकर खाली करने को कहा था। मकान पर एक बदमाश का भी कब्जा था जिसे हटा दिया। -संगीता पंवार, भवन निरीक्षक नगर निगम झोन-3