नगर निगम के गेट पर दिनभर कर्मचारियों ने जांचे सर्टिफिकेट
उज्जैन, अग्निपथ। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने में जो लोग लापरवाही कर रहे है, उन्हें वैक्सीन की पूरी सुरक्षा देने के लिए अब नए कदम उठाए जा रहे हंै। सरकारी कर्मचारियों को अब बिना वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाए कार्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा, दिसंबर महीने से उन्हें वेतन भी जारी नहीं होगा। इसके अलावा आम लोगों के भी सरकारी कार्यालयों में पहुंचने पर पहले उनका सर्टिफिकेट जांचा जाएगा, फिर प्रवेश मिलेगा। मंगलवार से नगर निगम में यह व्यवस्था लागू भी हो गई है।
उज्जैन जिले में अब तक 2 लाख 77 हजार से ज्यादा लोग ऐसे शेष रह गए है जिन्होंने वैक्सीन का पहला डोज तो लगवाया लेकिन दूसरा डोज लगवाने नहीं गए। इनमें बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी भी है। मंगलवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने एक आदेश जारी किया है। अब जिले के सारे सरकारी कर्मचारियों को ऑफिस में तभी प्रवेश मिलेगा, जब वे वैक्सीन के दोनों डोज की पूर्णता का प्रमाण पत्र दिखाएंगे।
मंगलवार से नगर निगम में तो बकायदा चैनल गेट पर ही हर एक कर्मचारी और यहां अपने काम लेकर पहुंचे आम लोगों के वैक्सीन सर्टिफिकेट जांचने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया। गेट पर खड़े कर्मचारी आम लोगों से वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने का आग्रह करते रहे। सुबह 10.30 बजे से शाम 6 बजे तक गेट पर तैनात कर्मचारी नगर निगम पहुंचने वाले हर शख्स का वैक्सीन सर्टिफिकेट जांचते रहे।
वैक्सीन नहीं तो वेतन नहीं
सरकारी कर्मचारियों के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने मंगलवार को एक ओर निर्देश जारी किया है। 30 नवंबर तक जो सरकारी कर्मचारी वैक्सीन के दोनो डोज नहीं लगवाएंगे, उन्हें दिसंबर महीने का वेतन भी नहीं मिलेगा।
कलेक्टर ने जिला कोषालय अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे प्रत्येक विभाग प्रमुख से उनके कार्यालयों में काम करने वाले सभी अधिकारी-कर्मचारियों को वैक्सीन की पूर्णता का सर्टिफिकेट ले, इसके बाद ही वेतन जारी करे।
कल फिर बड़े स्तर पर अभियान
आम नागरिकों को वैक्सीन के दोनों डोज लगाने के लिए 18 नवंबर को प्रशासन फिर से बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाएगा। 18 नवंबर को एक ही दिन में 450 टीका केंद्रो पर 1 लाख 36 हजार 537 लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। 18 नवंबर के अभियान को लेकर मंगलवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले के सभी एसडीएम व स्वास्थ्य अधिकारियों से बात की। हर एक एसडीएम को तय लक्ष्य दिया गया है।