नागदा जं. निप्र। आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाऐं काम में उलझी हुई हैं। प्रशासन इनसे इनके मूल काम के अतिरिक्त कार्य ले रहा है, क्योंकि कार्यकर्ताऐं एवं सहायिकाऐं अगर काम नहीं करें तो उन्हें निलंबित किए जाने की धमकियॉं भी दी जाती हैं। इसी वजह से कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाऐं काफी त्रस्त हो चुकी हैं। ऐसी स्थिति में कार्यकर्ताऐं अब जनप्रतिनिधियों की शरण में पहुॅंची हैं।
मंगलवार को आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका महासंघ के रामलाल पंड्या के नेतृत्व में आंगनवाडी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने असंगठित कामगार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुल्तानसिंह शेखावत का घेराव किया। दोपहर करीब 3 बजे बायपास स्थित रांगोली गार्डन पहुॅंची आंगनवाडी कार्यकर्ताओं ने शेखावत को अपनी समस्या से अवगत कराया। शेखावत ने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की समस्या सुन उन्हें निराकरण का आश्वासन दिया। इसके बाद आंगनवाडी कार्यकर्ताओं ने विधायक दिलीपसिंह गुर्जर के निवास का भी घेराव किया।
मूल काम से उलट टीकाकरण, निर्वाचन में लगाई जा रही ड्यूटी
आंगनवाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने बताया कि शासन के आदेश हैं कि आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं से सिर्फ महिला बाल विकास विभाग का काम ही लिया जाए। मगर प्रशासन द्वारा उनसे टीकाकरण, बीएलओ ड्यूटी, खाद्यान्न पर्ची सत्यापन भी करवाया जा रहा है। जिस वजह से आंगनवाडी कार्यकर्ताऐं अपना मूल काम नहीं कर पा रही है।
पुरानी दर से नाश्ता, भोजन का भुगतान न्यायसंगत नहीं
धरने के दौरान भोजन, नाश्ते के लिए पुरानी दर का मुद्दा भी उठाया गया। सांझा चुल्हा अध्यक्ष, सचिव, रसोइया महासंघ की जिलाध्यक्ष कृष्णा कुंवर ने बताया कि आंगनवाडी केन्द्रों पर भोजन, नाश्ता प्रदाय करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने निर्देश दिए हैं।
अगर नाश्ता, भोजन प्रदाय करने के लिए पुरानी दर से राशि भुगतान करने के निर्देश न्यायसंगत नहीं हैं। क्योंकि समूह में कार्य करने वाली महिलाएं बीपीएलधारी व गरीब हैं। शासन द्वारा वर्तमान में प्रति हितग्राही लगभग 7 रूपए नाश्ता, भोजन व रसोईयों के लिए 500 रूपये प्रतिमाह दिया जाता है। जिससे आंगनवाडी केन्द्रों में नाश्ता भोजन प्रदाय करने की लागत राशि का भूगतान नहीं हो पाता है।