आप डराएं नहीं-मैं डरा नहीं रही.. और चल दीं जिपं सीईओ..!

उज्जैन, अग्निपथ। जनसुनवाई में आज अनोखा नजारा देखने को मिला। भाजपा के पूर्व पार्षद और जिपं सीईओ के बीच तीखी झड़प हो गई। ऊंची आवाज में हुई इस झड़प को वहाँ मौजूद सभी ने सुना।इस झड़प का अंत तभी हुआ,जब सीईओ अपना सामान समेट कर चल दी।

घटना तब घटी,जब जनसुनवाई खत्म होने में करीब 20 मिनिट बाकी थे। आज कलेक्टर मौजूद नही थे।जिप सीईओ अंकिता धाकरे, सुनवाई कर रही थी । साथ साथ विभाग की फाइलें भी निपटा रही थी।तभी पूर्व पार्षद संतोष व्यास और प्रशांत गुजराती अपनी पुरानी समस्या लेकर पहुँचे। मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल का मामला था।जिसको लेकर 15 दिन बाद,जिपं सीईओ ने बुलाया था। आज 15 दिन पूरे हो गए थे।कोई कार्यवाही नही हुई तो सीईओ और पूर्व पार्षद में गर्मागर्म बहस हो गई।

एडीएम देखेंगे..

यह झड़प 5 मिनिट में खत्म हो गई।तब तक गृह निर्माण मंडल को फोन लग गया।संपदा अधिकारी गोपाल भावसार 5 मिनिट में हाजिर हो गए। उनके अनुसार करीब 1 करोड़ राशि,नगर निगम में मंडल को जमा करानी है। तब समस्या का निराकरण होगा।भोपाल मुख्यालय से राशि आई नही है।

इस दौरान सीईओ अपनी फाइलें निपटा रही थी।10 मिनिट तक पूर्व पार्षद ने इंतजार किया।नतीजा. एक बार फिर दोनों के बीच झड़प हो गई।तब तक 1 बज गई। सीईओ ने अपना सामान समेटा.. बोली.एडीएम इस मामले को देखेंगे और तत्काल रवाना हो गई ।इसके पहले एडीएम को फोन भी लगाया गया। विदित रहे कि एडीएम 20 मिनिट पहले ही,पिछले दरवाजे से स्मार्ट सिटी भवन निकल गए थे।

इसलिए विवाद…

इंदिरा नगर को गृह निर्माण मंडल ने बसाया है।15 दिन पहले पूर्व पार्षद संतोष व्यास आये थे।तब सीईओ ने आश्वासन दिया था कि 15 दिन में निराकरण हो जाएगा ।नतीजा आज पूर्व पार्षद पहुँच गए।मगर नतीजा शून्य था।इसी के चलते बातचीत में जिपं सीईओ ने ऊंची आवाज में,पूर्व पार्षद को जबाब दे दिया।जबाब सुनकर श्री व्यास ने भी उसी टोन में बोल दिया कि…आप मुझे डराए नही।जनता की समस्या का निराकरण करना,आपकी ड्यूटी है।जिस पर सीईओ ने कहा कि..मै डरा नही रही हूँ।

लाज रखी…

जिपं सीईओ अचानक चल दी।तो जनसुनवाई में सन्नाटा छा गया। उनके जाते ही,बाकी अधिकारी भी तत्काल निकल लिए।जबकि कुछ फरियादी खड़े थे। तब एसडीएम गोविंद दुबे और एसडीएम संजीव साहू ने प्रशासन की लाज रखी। सबसे पहले दोनों ने पूर्व पार्षद की समस्या को सुना।आश्वासन दिया कि जल्दी निराकरण होगा। इसके बाद 30 मिनिट तक दोनों अधिकारी ,बाकी फरियादियों की समस्या सुनते रहे और निराकरण करते रहे।

मजाक

जनसुनवाई क्या मजाक बन गई हैं। इसका खुलासा बड़ागांव तहसील नागदा निवासी प्रभुलाल चौधरी ने किया। वह 2 साल से चक्कर काट रहे हैं।अपनी जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए। एसडीएम ओर आयुक्त न्यायालय का आदेश लेकर। कोई सुनवाई नही हो रही हैं। जबकि फैसला उनके पक्ष में हुआ है। आज एसडीएम संजीव साहू ने उनकी गुहार सुनी और नागदा फोन लगाकर ,निराकरण के निर्देश दिए हैं।

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