रात में प्रशासनिक अधिकारियों ने सामान खाली करवाया, सुबह से होगी शुरुआत
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के सामने बने 10 मकानों को तोडऩे की कार्यवाही गुरुवार सुबह से शुरू कर दी जाएगी। कलेक्टर द्वारा मकानों को हटाने के लिए 25 नवंबर की तारीख तय कर दिए जाने के बाद मकानों को खाली कराने के काम में तेजी आ गई है।
बुधवार रात को एडीएम संतोष टेगौर, एसडीएम संजीव साहू अमले के साथ महाकाल क्षेत्र में पहुंचे और ऐसे परिवारों का सामान खाली करवाया, जिन्हें मुआवजा राशि दी जा चुकी है।
कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशों के मुताबिक गुरूवार सुबह से नगर निगम का अमला अपने संसाधन लेकर मंदिर क्षेत्र में पहुंच जाएगा और खाली हुए मकानों को तोडऩे का काम शुरू कर दिया जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर परिसर के विस्तार के लिए सामने बने 11 मकानों के अधिग्रहण की प्रक्रिया पिछले लगभग 6 महीने से चल रही थी।
राजस्व विभाग ने इन मकानों के अधिग्रहण के लिए लगभग 13 करोड़ रूपए मुआवजा राशि निर्धारित की है। तीन मकानों के मालिकों को मुआवजा रकम सौंप भी दी गई है, शेष का बंटवारा और न्यायालय संबंधी विवाद होने से मुआवजा वितरण रोका गया है।
गुरूवार से ही त्रिवेणी संग्रहालय से चारधाम मंदिर तक की रोड़ को भी 24 मीटर चौड़ा करने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। इस रोड़ पर 9 मकानों को तोड़ा जाना है। इस रोड़ के मकानों की भी भू-अर्जन और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
एक मकान मालिक को मिला स्थगन
महाकालेश्वर मंदिर के सामने रहने वाले शेखर गणेश परचुरे के परिवार को न्यायालय से प्रशासनिक अधिग्रहण की प्रक्रिया पर स्थगन आदेश मिला है। इस परिवार ने मकान अधिग्रहण की प्रक्रिया पर आपत्ति ली थी। परिवार ने न्यायालय में तथ्य रखे कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से पहले पुर्नवास, सामाजिक प्रभाव आदि विषयों को दरकिनार कर दिया गया। 2013 में भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान यह परिवार राजस्व विभाग से केस जीत चुका है।