मंदिर क्षेत्र के 19 मकानों को तोडऩे का काम शुरू, अंधेरे में महाकाल क्षेत्र
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के सामने वाले हिस्से में बने 10 और त्रिवेणी संग्रहालय से चारधाम मंदिर के बीच के 9 मकानों को तोडऩे की कार्यवाही गुरुवार सुबह से शुरू कर दी गई।
महज कुछ घंटो के भीतर ही महाकाल मंदिर के सामने के हिस्से में बने मकानों को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया गया। न किसी तरह का विरोध हुआ न कोई हंगामा। जिन किराएदारों की दुकानें चौड़ीकरण की जद में आई वे भी भारी मन से पूरे दिन अपनी दुकानों को टूटते हुए देखते रहे।
महाकाल मंदिर के सामने और त्रिवेणी संग्रहालय वाले रोड पर गुरुवार सुबह से चौड़ीकरण की कार्रवाई होगी, यह पहले से तय था। सुबह 7 बजे से नगर निगम का अमला मशीनों के साथ यहां पहुंच गया। पहले मशीने मंदिर के सामने कुछ देर खड़ी रही फिर इन्हें त्रिवेणी संग्रहालय क्षेत्र में ले जाया गया।
मकानों की तुड़ाई का काम चारधाम मंदिर वाली रोड से शुरू किया गया। इस रोड़ पर 9 मकान ऐसे थे जिनका अधिग्रहण किया गया। दोपहर बाद सभी मशीनों और अमले को महाकाल मंदिर के सामने वाले हिस्से में निर्माण तोडऩे में लगा दिया गया। नगर निगम की मशीनें पहुंचने के बाद महाकाल मंदिर के सामने वाले हिस्से में लोगों ने खुद ही अपना सामान हटाना शुरू कर दिया था।
नोटिस लगाए, दुकान नहीं बचा पाए
महाकाल मंदिर के सामने वाले हिस्से के 11 मकानों में 30 से ज्यादा ऐसे दुकानदार प्रभावित हुए है जो किराए की दुकानों में वर्षो से कारोबार कर रहे थे। प्रशासन ने भवन मालिकों के लिए तो मुआवजा प्रक्रिया पूरी की लेकिन किराएदारों के पुनर्वास या जीवनयापन के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
सुबह किराएदार दुकानदारों ने बिना सामान निकाले अपनी दुकानों पर ताले डाले, उन पर नोटिस चिपका दिए। इन नोटिस में लिखा गया था- बिना कोई सूचना पत्र दिए या बिना कोई वैधानिक प्रक्रिया अपनाए, दुकानों में तोडफ़ोड़ करने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
दुकानों में लाखों का सामान पड़ा है, ये दुकानें हमारे जीवन-यापन का एकमात्र माध्यम है। हालांकि दुकानों पर चस्पा इन नोटिस का कार्यवाही पर कोई असर नहीं हुआ। जब दुकानें तोड़ी जाने लगी तो किराएदार खुद ही आगे आकर अपना सामान समेटने में जुट गए।