पेटलावद, अग्निपथ। सिविल अस्पताल पेटलावद का कुछ माह पर्व ही शुभारंभ हुआ है जिससे लोगों को काफी उम्मीद थी कि कम से कम सिविल अस्पताल में समय पर चिकित्सक मिल जाएंगे और अच्छा ईलाज भी मिलेगा, किन्तु यहां तो सबकुछ इसके उलट हो रहा है। अस्पताल में समय पर सिर्फ गिने-चुने चिकित्सक मौजूद रहते हैं और जो चिकित्सक नदारत रहते है।
उनमें से कई अपने निजी क्लीनिक पर इलाज करते देखे जा सकते हैं। यहां तक कि बड़ा ही दुर्भाग्य है कि इस सिविल अस्पताल में एक भी सिविल सर्जन नहीं है। बड़ी-बड़ी बाते करने वाले जनप्रतिनिधियों का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है। यदि देखा जाए तो नाम मात्र का पेटलावद में सिविल अस्पताल है।
डॉक्टरों कि उदासीनता की सजा आम मरीज भुगत रहे हैं और तो और यह कहना भी गलत नहीं है कि इन डॉक्टरों कि उदासीनता का पूरा फायदा तहसील मुख्यालय पेटलावद से लेकर ग्रामीण अंचल तक अपने पैर पसार चुके झोलाछाप लोग जो कि अपने आपको डॉक्टर समजते है वो फायदा उठा रहे हैं। जिसके बाद भी जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
जनप्रतिनिधियों को भी आमजन से मत के अलावा शायद कुछ भी लेना देना नहीं है सिर्फ कार्यक्रमों में जाकर फोटो खींचवाना ही मुख्य कार्य है। तहसील मुख्यालय पर बेखौफ झोलाछाप उर्फ फर्जी चिकित्सक अपनी अपनी दुकानों पर बेखौफ इलाजनुमा दुकानें चला है और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। क्या जिम्मेदार प्रशासन को यह सब कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।
लेकिन बताने वाले तो बताते है कि ईधर ध्यान नहीं देने कि वजह महीना बंदी है और सिविल अस्पताल में चिकित्सक समय पर रहेंगे तो फिर झोलाछाप लोग जो अपने आपको डॉक्टर समज़ते है उनकी दुकान कैसे चलेगी।