एक ने किशोरी से दुष्कर्म किया दूसरे ने 12 साल की बच्ची से छेड़छाड
उज्जैन,अग्निपथ। जिले की दो कोर्ट ने शुक्रवार को करीब तीन साल पहले हुई छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटना में फैसला सुनाया। न्यायालय ने 12 साल की मासूम से हरकत करने वाले को पांच साल और किशोरी का अपहरण कर ज्यादती करने वाले को 10 साल की सजा सुनाई है।
नागदा निवासी नाबालिग 4 फरवरी 2018 की शाम लापता हो गई थी। खोजबीन के बाद भी पता नहीं चलने पर किशोरी के पिता ने 5 फरवरी को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण करने की शंका जताते हुए केस दर्ज कराया था। पड़ताल के बाद पुलिस ने आसिफ पिता आशिक को पकडक़र किशोरी को बरामद किया था।
पीडि़ता ने बयान दिया था कि आसिफ ने फोन कर जहर पीने की धमकी देकर बुलाया और दुष्कर्म किया था। मामले में अब तक की सुनवाई के बाद नागदा में अपर सत्र न्यायाधीश वन्दना राज पाण्डेय ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। उन्होंने आसिफ को अपहरण व दुष्कर्म का दोषी सिद्ध होने पर 10 वर्ष सश्रम कारावास व 200 रुपए अर्थदण्ड दिया। प्रकरण में शासन का पक्ष अपर लोक अभियोजक रेवत सिंह ठाकुर ने रखा।
मनचले ने राह चलते की थी हरकत
शहरी क्षेत्र निवासी 12 वर्षीय बालिका 21 जनवरी 2018 को किराना दुकान पर सामान लेने जा रही थी। इसी दौरान क्षेत्र के ही हरीश पिता हीरालाल ने उसे पीछे से आकर बुरी नीयत से पकड़ लिया था।
बालिका के शोर मचाने पर वह जान से मारने की धमकी देकर भाग गया था। पीडि़ता से घटना का पता चलने पर उसके पिता ने हरीश के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश डॉ आरती शुक्ला पाण्डेय ने हरीश को दोषी पाया।
नतीजतन कोर्ट ने उसे 5 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदंड दिया। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सूरज बछेरिया ने पैरवी की। दोनों फैसले की जानकारी उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने दी।