प्रहरी को नोटिस, विभाग पत्र भेजा, डीएसपी की शिकायत थाने में
उज्जैन,अग्निपथ। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार विवाद का कारण एक कथित डीएसपी द्वारा जेल अधीक्षक को धमकी देना और एक प्रहरी द्वारा जेल में चोरी-छिपे मोबाइल ले जाना है।
दरअसल एक महिला प्रहरी को उसकी मंशानुसार ड्यूटी नहीं लगाने पर यह घटना हुई है। खास बात यह है कि प्रहरी ने भी पूछताछ करने पर आत्महत्या कर फंसाने की धमकी दे दी। दोनों मामले में शिकायत होने पर भैरवगढ़ पुलिस जांच कर रही है।
भैरवगढ़ जेल प्रशासन ने प्रहरी शिवानी नरवरिया की रायफल व नाईट ड्यूटी लगा दी। वह दिन में महिला वार्ड में पदस्थ होने के साथ छुट्टी लेना चाहती है। मंशा पूरी नहीं होने पर अज्ञात शख्स ने गुरुवार रात करीब 8.45 बजे खुद को पुलिस मुख्यालय में पदस्थ डीएसपी मनीष राज बताते हुए जेल अधीक्षक उषा राज को मोबाइल 70491-48220 से कॉल किया।
उसने नरवरिया की सास के बीमार होने का हवाला देते हुए धमकाया। फटकारने वाले अंदाज में अधीक्षक को उनकी औकात बताने और नरवरिया को छुट्टी नहीं देने पर देख लेने की धमकी दे दी। मामले में जेल अधीक्षक उषाराज ने प्रहरी से पूछताछ की तो उसने उन्हें आत्महत्या कर फंसाने की चेतावनी दे दी। नतीजतन उषाराज ने कथित डीएसपी के खिलाफ भैरवगढ़ थाने में आवेदन दे दिया।
गृहमंत्री के नाम से भी धमकाया
खास बात यह है कि कथित डीएसपी ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम से भी जेल अधीक्षक को धमकाया। इस पर उन्होंने प्रहरी नरवरिया से पूछताछ के बाद धमकाने पर उसे नोटिस दे दिया। वहीं पुलिस के साथ जेल डीजी अरविंद कुमार, मानव अधिकार आयोग को भी पत्र लिख दिया।
कमरे में खुद को बंद कर धमकाया था
बताया जाता है प्रहरी नरवरिया का करीब दो साल पहले वेतन नहीं आने और महिला वार्ड में ड्यूटी लगाने पर भी कथित डीएसपी ने फोन कर धमकाया था। शिकायत के बाद भी तात्कालीन जेल अधीक्षक अलका सोनकर व जेलर संतोष लडिय़ा ने कारवाई नहीं की।
नतीजतन वह ड्यूटी से गायब रहने लगी थी। मामले में सोनकर ने आपत्ति ली तो उसने आत्महत्या की धमकी देकर खुद को कमरे में बंद कर लिया था। नतीजतन दरवाजा तोडऩे की नौबत आ गई थी।
मोबाइल ले जाते सीसीटीवी कैमरे में कैद
दूसरी घटना प्रहरी मेहबूब खा को जेल में छिपाकर मोबाईल ले जाने की हुई है। बताया जाता है कि मेहबूब जेल के अंदर मोबाइल ले जाते हुए सीसी टीवी कैमरे में कैद हो गया था। उसके साथ प्रहरी नेहा खान भी शामिल थी। मामला सामने आने पर विभाग ने दोनों का आगर मालवा तबादला कर दिया साथ ही थाने में भी आवेदन दिया है।
पहले भी सुर्खियों में रही जेल
सर्वविदित है कि करीब तीन माह पहले जेलर संतोष लडिय़ा पर जमानत पर छूटी महिला बंदी ने जबरदस्ती करने का आरोप लगाया था। वहीं गत माह साइबर ठगी के आरोपी ने लडिय़ा सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी व कुछ बंदियों पर जेल में लेपटॉप व इंटरनेट उपलब्ध करवाकर करोड़ों की साइबर ठगी करवाने का आरोप लगाया था। मामले में राज्य साइबर सेल व जेल विभाग जांच कर रहा है।
इनका कहना
महिला प्रहरी की मनपंसद जगह ड्यूटी लगाने को लेकर अज्ञात व्यक्ति ने खुद को डीएसपी बताकर धमकी भरा फोन किया था। मामले में प्रहरी को नोटिस देने के साथ एफआईआर के लिए थाने आवेदन भेजा है। जेल डीजी और मानव अधिकार को भी मामले में शिकायत की है। – उषा राज, जेल अधीक्षक केंद्रीय जेल भैरवगढ़
जेल अधीक्षकको धमकाने और प्रहरी द्वारा जेल में छूपाकर मोबाइल ले जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। दोनों मामलों में जांच की जा रही है। -प्रवीण पाठक, टीआई थाना भैरवगढ़