6600 नए पदाधिकारियों को विधानसभा चुनाव के पहले जिम्मेदारी सौंपी जाएगी
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए संगठन को मजबूत बनाने और 6600 से ज्यादा नए पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए पूर्व गृहमंत्री और शहर के कांग्रेस संगठन के प्रभारी बाला बच्चन ने चार घंटे से ज्यादा समय तक मैराथन बैठक ली।
इस दौरान उन्होंने संगठन के नए मंडलम, सेक्टर, बूथ के गठन पर कार्यकारी शहर अध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों से चर्चा की और उनके सुझाव भी मांगे। इस संबंध में शहर प्रभारी बाला बच्चन ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी शुरू की जा रही है। इसके तहत उज्जैन शहर की दो विधानसभा सीटों पर नए मंडलम, सेक्टर और बूथों का गठन किया जा रहा है।
संगठन के लिहाज से गठित होने वाले इस नए स्ट्रक्चर में उज्जैन उत्तर में 34 और उज्जैन दक्षिण में 34 के करीब मंडलम बन गए हैं। यानी 70 से ज्यादा मंडलम और 150 से ज्यादा सेक्टरों, 6600 से ज्यादा बूथों की रणनीति तैयार की जा रही है। इन सभी पर पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी, जिलाध्यक्ष कमल चौहान, कार्यकारी शहर अध्यक्ष रवि भदौरिया, रवि राय, मुकेश भाटी, ब्लॉक अध्यक्ष तबरेज खान, मुजीब कुरैशी, श्रवण शर्मा, हेमंत गोमे, देवब्रत यादव, यशवंत अग्निहोत्री, नाना तिलकर, सतीश मालवीय, अंजू जाटवा आदि मौजूद थे।
एक बूथ पर 11 सदस्यीय कार्यकारिणी बनेगी
बच्चन ने बताया कि एक बूथ पर 11 सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। इनमें एक अध्यक्ष और 11 सदस्यीय कार्यकारिणी रहेगी। मंडलम अध्यक्ष और सेक्टर अध्यक्ष इनके सहयोगी रहेंगे। इनकी नियुक्ति ब्लॉक अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों की सलाह पर की जाएगी।
उज्जैन उत्तर में 34 और दक्षिण में भी 34 ब्लॉक
दोनों विधानसभा में 34 -34 ब्लाक अभी तक बनाए गए हैं। यह प्रक्रिया चल रही है इसलिए इनमें घट और बढ़ोत्री हो सकती है। अंतिम फैसला प्रदेश कार्यकारिणी के द्वारा लिया जाएगा। अभी दोनों विधानसभा के 8 ब्लॉक में 70 से ज्यादा मंडलम बन गए हैं। चार पांच बूथ का एक सेक्टर और 2-3 सेक्टर का एक मंडलम बनाया जा रहा है। यानी एक मंडलम में 10 से 15 पोलिंग बूथ रहेंगे।
इस बार आरपास की लड़ाई की तैयारी
बच्चन ने बताया कि इस बार विधानसभा चुनाव में आरपार की लड़ाई की तैयारी की जा रही है। इसलिए अभी से रणनीति बनाकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को नक्शा देकर मैदान में उतारा जाएगा। उन्हें इस चुनाव के पहले अलग-अलग चरण में प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि मैदान में जाने पर उसके सामने कैसी भी विकट परिस्थिति आए वह पार्टी को जीत दिलाने के लिए डटा रहे।