3 से शुरू होंगे मेला मंच के कार्यक्रम, 372 दुकानों का आवंटन
उज्जैन, अग्निपथ। कार्तिक मेले का शुभारंभ हुए 10 दिन हो चुके है, इस अवधि में भी कार्तिक मेला पूरी तरह से नहीं सज सका है। न पूरी तरह से दुकानें लगी है, न भीड़ जुट सकी है।
सोमवार को नगर निगम ने 372 व्यापारियों को दुकानों का आवंटन किया, दुकान एक भी नहीं लग सकी। दरअसल, ओमीक्रोन कोविड वायरस के खौफ की वजह से व्यापारी दुकानें लगाने से बच रहे है। डर है कि मेले के लिए लाखों रूपए का सामान मंगाने के बाद यदि लॉकडाउन लग गया या शासन ने ही मेले के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया तो क्या होगा?
मेले के आयोजन को लेकर सोमवार को नगर निगम में खासा मंथन हुआ। तय किया गया कि 3 दिसंबर से किसी भी सूरत में मेला मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य दूसरे आयोजन शुरू कर दिए जाए।
इससे पहले सभी दुकानों और झूलों की जमीन का आवंटन पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। अपर आयुक्त मनोज पाठक ने कार्तिक मेला आयोजन के लिए बनी समितियों के प्रभारियों के साथ बैठक की।
अपर आयुक्त ने मेले की सभी व्यवस्थाएं तत्काल पूरी करने और दुकानों का संचालन भी जल्द शुरू कराने को कहा है। इस बैठक में हर साल होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, बॉडी बिल्डिंग, कुश्ती प्रतियोगिता के आयोजन की तारीख और तैयारियों पर भी चर्चा की गई।
रसीद कटाने में आगे, दुकानें लगाने में नहीं
कार्तिक मेले में व्यापारी दुकान आवंटन के लिए रसीद कटाने के मामले में आगे है। अब तक लगभग 500 व्यापारी रसीदें कटवा चुके है लेकिन दुकान एक ने भी नहीं लगाई है। मेला लगे या न लगे, रसीद कटवाने से आने वाले सालों के लिए दुकान आवंटन में प्राथमिकता मिल जाती है।
राज्यशासन द्वारा स्कूलों में 50 प्रतिशत उपस्थिति, धरना-प्रदर्शन पर रोक संबंधी आदेश जारी करने के बाद व्यापारी मेले के आयोजन को लेकर भी संशय में है।