जिस पर मुखबिरी का आरोप लगाया था उसी ने किया हमला, वजह रंजिश या वसूली
उज्जैन,अग्निपथ। रेलवे स्टेशन पर रविवार सुबह फिर चाकूबाजी हो गई। तीन बदमाशों ने उसी युवक पर चाकू से हमला कर दिया, जिसे 9 दिन पहले दो कुख्यात बदमाशों ने चाकू मारे थे। घटना से स्टेशन पर हडक़ंप मच गया। मामले में पुलिस ने आरोपियों को पकडऩे के लिए दबिशें दी, लेकिन रात तक वह हाथ नहीं आ सके।
नीलगंगा स्थित जबरन कॉलोनी निवासी सूरज उर्फ बारीक पिता मोहन मीणा रिकार्डेड बदमाश है। वह रविवार सुबह भोपाल जाने के लिए स्टेशन पहुंचकर पत्नी का इंतजार कर रहा था। इसी दौरान ऑटो चालक जावेद साथी आसिफ व सौरभ के साथ पहुंचा और उसे चाकू मार कर भाग गए।
लहूलुहान सुरज जीआरपी पहुंचा, जहां से पुलिस ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाने के बाद केस दर्ज किया। याद रहे 26 नवंबर को भी सूरज को ढांचा भवन निवासी बदमाश भाई छिंगू व काला बुंदेला ने जेल में हुई रंजिश के चलते चाकू मारे थे। घटना में सूरज ने जावेद पर मुखबिरी कर हमला करवाने का आरोप लगाया था। याद रहे उस हमले में घायल होने के बाद सूरज की शुक्रवार को ही अस्पताल से छुट्टी हुई थी।
कमिशन या वर्चस्व की लड़ाई
घटना को लेकर चर्चा है कि सुरज ऑटो नहीं चलाता,लेकिन होटलों से यात्रियों के कमिशन को लेकर दोनों पक्षों में विवाद चल रहा है। यह ाी पता चला है कि सूरज रौनक गुर्जर गैंग का सदस्य है और करीब दो साल पहले गिरोह ने ह ता वसूली के लिए क्षेत्र में गोली चलाई थी। सूरज छूटने के बाद से स्टेशन पर बैठकर वर्चस्व कायम रखना चाहता है। उसी घटना में जेल में रहने के दौरान छिंगू पर हमला हुआ था, जिसका उसने 9 दिन पहले सूरज को चाकू मारकर बदला लिया था।
सिटी पुलिस से मदद मांगेगी जीआरपी
जीआरपी टीआई राधेश्याम महावर ने बातया कि सूरज ने पूर्व हमले में जावेद पर मुखबिरी की शंका जताई थी,लेकिन जावेद का मोबाईल जब्त नहीं होने से वह अब तक आरोपी नहीं है। जांच के बाद उसका साजिश में नाम आ सकता है। मामले में छिंगू और काला को पकडऩे के लिए कई बार दबिश दी,लेकिन दोनों हाथ नहीं आ पाए। जावेद आदी को दो टीम खोज रही है पर उनका भी सुराग नहंी मिला। मामले में सोमवार को एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल से मिलकर मदद मांगेगे।