उज्जैन। पुलिस भर्ती की तैयारी कर रही युवती से दुष्कर्म के आरोपी अजय अस्तेय को बचाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। डीएनए जांच में आरोपी की जगह स्पर्म और ब्लड का नमूना देने पहुंचे बलराम सूर्यवंशी और षड़यंत्रकर्ता दो अन्य आरक्षकों घनश्याम और तबरेज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन्हें कोर्ट में पेश किया जा रहा है। मुख्य आरोपी अजय पहले से ही जेल में है।
पुलिस ने बताया आरोपी अजय ने दुष्कर्म साबित होने से बचने के लिए नीलगंगा थाने में पदस्थ घनश्याम और महिला थाने के आरक्षक तबरेज के साथ मिलकर स्पर्म और ब्लड सैंपल बदलवाने का षड़यंत्र रचा। इसके लिए उन्होंने सैंपल देने के लिए अजय के रिश्तेदार बलराम सूर्यवंशी को चुना और बुलाया। जांच के लिए तैनात की गई एक महिला सब इंस्पेक्टर के अलर्ट रहने से यह मामला खुल गया कि सैंपल बदलवाने की कोशिश की गई है। मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद दोनों आरक्षकों और बलराम को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरक्षकों की बर्खास्तगी की तैयारी भी शुरू हो गई है।
एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने सिलसिलेवार दी जानकारी
एसपी ने पूरे मामले में सोमवार को खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि दुष्कर्म के आरोपी आरक्षक अजय अस्तेय को शनिवार को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल नीलगंगा थाने की सब इंस्पेक्टर हेमलता लेकर गई थीं। वहां पहले से ही महिला थाने का आरक्षक तबरेज और नीलगंगा थाने का आरक्षक घनश्याम मौजूद था। इनके अलावा आरोपी अजय का एक रिश्तेदार बलराम सूर्यवंशी भी वहां खड़ा था। वीर्य और खून के नमूने लेने के लिए जब डॉक्टर ने आरोपी को बुलाया तो घनश्याम और तबरेज ने अजय के बजाय बलराम को अंदर भेज दिया। डॉक्टर चूंकि अजय को पहचानते नहीं थे इसलिए बलराम को ही अजय मानकर उनके नमूने लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
इसी बीच एसआई हेमलता ने देखा कि आरोपी अजय तो बाहर ही खड़ा है तो अंदर नमूना देने कौन गया। हेमलता ने डॉक्टर से पूछा कि आप किसके नमूने ले रहे हैं तो जवाब दिया कि जिसे आप लेकर आईं हैं। एसआई ने कहा कि यह तो आरोपी ही नहीं है। इतना सुनते ही डॉक्टर भड़क गए। एसआई ने भी इसकी जानकारी थाने के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी। इस तरह से मामला समय रहते खुल गया।
बर्खास्तगी की कार्रवाई की तैयारी
एसपी ने बताया कि उसी वक्त आरक्षक तबरेज व घनश्याम और बलराम सूर्यवंशी को हिरासत में ले लिया गया। जांच के बाद तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि तीनों को इसी मामले में मिथ्या साक्ष्य गढ़ने के आरोप में सह आरोपी बनाया गया है। आरक्षक तबरेज और घनश्याम की बर्खास्तगी के लिए तीन से चार दिन के भीतर पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
तीन साल पहले ही हुए थे भर्ती
एसपी ने बताया कि दुष्कर्म का आरोपी अजय और उसके साथ आरक्षक तबरेज व घनश्याम तीन साल पहले ही पुलिस में भर्ती हुए थे।