भवन भी जर्जर, गुहार के बाद भी नहीं सुन रहे अधिकारी
बडऩगर, अग्निपथ। नौनिहालों के विकास के लिए शासन की ओर से आंगनवाडिय़ों के माध्यम से 6 वर्ष तक के बच्चों को स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा दी जाती है। किंतु अगर वहीं आंगनवाडिय़ां जर्जर हो तो नौनिहालो का भविष्य तो दूर जीवन ही संकट में आ जाता है।
मामला बडनगर विकास खण्ड में एकीकृत बाल विकास परियोजना क्रमांक 2 इंगोरिया अंतर्गत ग्राम खरसोद खुर्द की आंगनवाड़ में जर्जर शौचालय की दीवारें भरभरा कर गिर पड़ी। गनीमत थी कि आसपास कोई नहीं था इसलिए जनहानि नहीं हुई।
आंगनवाडी केंद्र क्रमांक 3 का भवन जर्जर हो चुका है। छत में से सरिए साफ तौर पर देखें जा सकते हैं, वह भी सड़े हुए। वही अन्दर फर्श से दीवारों के आसपास बड़ी दरारे हो गई और फर्श एक-एक फिट धंस गया। बुधवार को यहां जर्जर हो चुके शौचालच की दीवार ढह गई।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मनोरमा जोशी ने बताया कि आंगनवाड़ी में 52 बच्चे, छह गर्भवती और चार धात्री महिलाएं है। 3 से 6 वर्ष के बच्चे तो रोज आते है। किंतु भवन की हालत देख कर हर समय डर बना रहता है। कई बार विभाग में और ग्राम पंचायत में गुहार लगा चुकी हूं किन्तु कोई सुनता नहीं।
वहीं कई महीनों से भवन में नवीन शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपए भी पंचायत में आ गए किन्तु सचिव ने आज तक उक्त राशि न तो निर्माण के लिए दी, न पंचायत ने निर्माण करवाया । आंगनवाड़ी में कई बार जहरीले जानवर से बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने का डर बना रहता है ।
इनका कहना
हमारे द्वरा सचिव को लिखित में आवेदन दिया गया है कि उक्त राशि जो शौचालय एवं नवीन भवनों के लिए आवंटित हुई है, उससे निर्माण कार्य करवाए। हर बार मासिक बैठक में परियोजना के उच्च अधिकारियों एवं जनपद सीईओ को निवेदन कर चुके है कि जिन आँगनवाडिय़ों में शौचालय नहीं हैं या जर्जर है उनमें निर्माण करवाए किन्तु सुनवाई होती नही। – रीता वर्मा, महिला बाल विकास अधिकारी खण्ड – 2