‘सभी को मिले प्रसाद और फूल’ व्यवस्था शुरू
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद मिले इस तरह की व्यवस्था शुक्रवार से शुरू कर दी गई है। पूर्व में केवल प्रसाद चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं को ही मिल रहा था। ऐसे में वे श्रद्धालु जोकि प्रसाद लेकर नहीं आ पाए उनको पूर्ण दर्शन की अनुभूति नहीं हो पा रही थी। मंदिर प्रशासन ने नई व्यवस्था तय करते हुए दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा जा रहा है।
पूर्व के वर्षों में भगवान महाकाल के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को नंदीहाल निर्गम रैंप पर काउंटर लगाकर प्रसाद बांटा जाता था। यह प्रसाद सभी श्रद्धालुओं को दिया जाता था, जिससे श्रद्धालुओं को पूर्ण दर्शन की अनुभूति होती थी। लेकिन फिर बाद में इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया।
ऐसे में वे श्रद्धालु जोकि प्रसाद नहीं खरीदते थे, उनको खालीपन का एहसास होता था। प्रसाद खरीदने वाले श्रद्धालुओं को तो नंदीहाल के पाटले पर बैठे पुजारी प्रसाद दे देते थे। लेकिन अब फिर से इस व्यवस्था को मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ द्वारा शुक्रवार से शुरू करवा दिया गया है।
बेरिकेड में प्रसाद दो, नंदीहाल निर्गम से लो
ऐसे श्रद्धालु जोकि अपने साथ चिरोंजी प्रसाद लेकर भगवान महाकाल को चढ़ाने आते हैं। उनका प्रसाद गर्भगृह में दर्शन करते जाते समय गणपति मंडपम की 1 नंबर रैलिंग पर पुजारी द्वारा लिया जा रहा है। वापस जब वह गर्भगृह से दर्शन कर लौट रहा है तो यहां पर बैठे पुजारी द्वारा उनको वापस प्रसाद और भगवान महाकाल को चढ़ाए गए फूल दिए जा रहे हैं।
प्रसाद केवल चढ़ाने वाले को ही नहीं बल्कि सभी को दिया जा रहा है। इससे श्रद्धालुओं की आस्था महाकालेश्वर मंदिर के प्रति अगाध हो रही है।
गर्भगृह में खाली टोकरी लेकर जा रहे
मंदिर गर्भगृह में किसी भी प्रकार का पूजन, अभिषेक, आरती इत्यदि किया जाना तथा दूध, फूल-प्रसाद या किसी भी प्रकार की पूजन सामग्री ले जाने पर प्रतिबन्ध है। ऐसे में मंदिर प्रशासन द्वारा प्रवेश से पूर्व ही फूल प्रसाद लेकर केवल खाली टोकरी लेकर दर्शन के लिए जाने दिया जा रहा है।
ऐसे में शिवलिंग क्षरण की गाइड लाइन का उल्लंघन भी नहीं हो रहा है। सम्पूर्ण व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु सहायक प्रशासक पूर्णिमा सिंघी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
दर्शन कराने के लगातार किए जा रहे प्रयास
महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार को भी भगवान महाकाल के गर्भगृह से आम श्रद्धालुओं को सुबह 8 से 9.45 बजे तक और दोपहर 11.30 बजे से शाम 4 बजे तक दर्शन कराए गए। ऐसे में श्रद्धालु दर्शन कर अभिभूत हो रहे हैं और मंदिर प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित कर दर्शन व्यवस्था की प्रशंसा कर रहे हैं।