अस्पताल की तोड़ी थी खिडक़ी, 10 माह से थी तलाश
उज्जैन, अग्निपथ। धोखाधड़ी में गिरफ्तार की गई महिला बंदी जिला अस्पताल से जेल प्रहरियों की अभिरक्षा से फरार हो गई थी। 10 माह बाद उसे गिर तार कर शुक्रवार को जेल भेजा गया है।
लुटेरी दुल्हन गिरोह की सरगना सुनीता उर्फ सोनाली सोलंकी निवासी नागझिरी को उपचार के लिये केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ से 12 फरवरी को जिला अस्पताल लाया गया था। 2 जेल प्रहरियों की अभिरक्षा में उसका उपचार चल रहा था। अंधेरा ढलने पर उसने लघुशंका का बहाना किया और महिला वार्ड के बाथरुम में पहुंची।
जहां से वह काफी देर तक बाहर नहीं आया तो दरवाजा खोला गया। बाथरुम की खिडक़ी टूटी थी। महिला बंदी फरार हो चुकी थी। कोतवाली थाना पुलिस ने उसके खिलाफ अभिरक्षा से भागने का मामला दर्ज किया था।
10 माह से उसकी तलाश की जा रही थी। गुरुवार देर शाम उसे विराट नगर शासकीय स्कूल के पास से पुलिस ने हिरासत में ले लिया। टीआई अमित सोलंकी ने बताया कि अभिरक्षा से फरार हुई महिला बंदी को गिर तार करने में एएसआई चंद्रभानसिंह, प्रधान आरक्षक प्रेम सबरवाल, आरक्षक अश्विन पाठक और महिला आरक्षक रेणुका कुमावत की भूमिका रही। शुक्रवार को उसने न्यायालय में पेश किया, जहां से भैरवगढ़ जेल भेजा गया है।
छत्तीसगढ़-इंदौर में काटी फरारी
एएसआई चंद्रभानसिंह ने बताया कि महिला बंदी को हिरासत में लेने के बाद पूछताछ में सामने आया कि अ िभरक्षा से फरार होने पर उसने इंदौर में फरारी काटी, उसके बाद कुछ दिनों ने लिये वह छत्तीसगढ़ चली गई थी। विराटनगर में सहेली से मिलने आई थी।
उसके खिलाफ न्यायालय ने धोखाधड़ी और अभिरक्षा से फरार होने के मामले में 2 स्थाई वारंट भी जारी किये थे। पुलिस 10 माह से उसके परिजनों के संपर्क में थी, लेकिन परिवार को भी उसकी जानकारी नहीं लग पा रही थी।