क्षिप्रा तट पर संतों ने किया भजन शासन को सद्बुद्धि की प्रार्थना

Shipra Shuddhikaran baithak 11122021

अन्न छोडऩे वाले संत अस्पताल में इलाज लेने के बाद आश्रम लौटे

उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा शुद्धिकरण की मांग को लेकर दत्त अखाड़ा घाट पर शहर के साधु-संतो द्वारा दिए जा रहे धरने के तीसरे दिन संतजनों ने शासन को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए भगवान से प्रार्थना की। संतजनों ने दत्त अखाड़ा घाट पर बैठकर भजन गाए।

संतो के धरने के साथ अब शहर की विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक संस्थाएं भी जुडऩे लगी है। शनिवार को भी 6 से ज्यादा संस्थाओं के पदाधिकारी धरने में शामिल हुए। हालांकि अन्न त्यागने वाले संत की हालात खराब होने पर उनको शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

दत्त अखाड़ा के गादीपति महंत पीर सुंदरपुरी महाराज, महंत डा. रामेश्वरदास , महंत भगवानदास, महाकालेश्वर मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति महंत विनीत गिरी ने संयुक्त रूप से बताया कि शासन की ओर से शिप्रा शुद्धिकरण की ठोस कार्ययोजना बनाकर उसे संतों व आम नागरिकों के बीच जब तक रखा नहीं जाता और जब तक शासन शिप्रा शुद्धिकरण के उपाय आरंभ नहीं कर देता तब तक संतों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। धरना आंदोलन में आम जनों की सहभागिता भी बढ़ती जा रही है। विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि भी धरना स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन प्रदान कर रहे है।

शनिवार को बोहरा समुदाय से असगर अली नागपुर वाला, लखेरवाड़ी व्यापारी एसोसिएशन अध्यक्ष महेश पायलवाला, अनाज-तिलहन व्यापारी संघ अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल, नगरनिगम बिल्डर एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष गिरिश जायसवाल, तीर्थ पुरोहित पं. शिवम जोशी, शिवसेना गौरक्षा न्यास से मनीष सिंह चौहान आदि ने शामिल होकर आंदोलन को अपना समर्थन प्रदान किया। श्री क्षेत्र पंडा समिति और विश्व हिंदू परिषद दोनों संस्थाओं के सदस्य भी संतों के धरने में पहले से सहभागी हैं। तीसरे दिन संतो के धरना आंदोलन का संचालन श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष पं. राजेश त्रिवेदी ने किया।

ज्ञानदास महाराज की तबीयत बिगड़ी

sant gyandas in hospital

शुक्रवार को विगत 27 दिनों से शिप्रा शुद्धिकरण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे संत ज्ञानदास महाराज की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टर ने कहा कि जल्द आहार नहीं लिया तो सेहत और ज्यादा खराब हो सकती है।

लेकिन ज्ञान दास महाराज ने कहा है कि जब तक शिप्रा शुद्ध नहीं होती तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंग।े अस्पताल में इलाज लेने के बाद वे आश्रम जाकर फिर से अनशन पर बैठ गए। ज्ञान दास महाराज बीते 16 नवंबर से मंगलनाथ रोड पर भगवान अंगारेश्वर मंदिर के पास दादू आश्रम में अनशन पर बैठे हैं। उनके साथ ही पूरा संत समाज खड़ा हो गया है।

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