पोती के खिलाफ झूठी शिकायत करने पर जिला बाल कल्याण समिति ने लगाई फटकार

परिवारजनों को 3 वर्षीय बालिका के लालन-पोषण एवं समूचित देखरेख हेतु किया आदेशित

झाबुआ, अग्निपथ। जिला बाल कल्याण समिति (न्याय पीठ) झाबुआ से समक्ष 10 दिसंबर, शुक्रवार को एक अनूठा मामले सामने आया। जिसमें पिछले कुछ दिनों पूर्व जिले के मेघनगर में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी पोती के साथ, उसकी पत्नी एवं बेटे द्वारा मारपीट करने की झूठी शिकायत पुलिस थाना मेघनगर में दर्ज करवाई गई। चूंकि मामला बच्चों से संबंधित होने से पुलिस थाना मेघनगर से जांच यह हेतु मामला सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

जिस पर सीडब्ल्यूसी ने बालिका की काउंसिलिंग करने पर यह तथ्य सामने आया कि द्वेषवश उसके दादाजी ने यह झूठी शिकायत की थी। जिस पर न्याय पीठ ने शुक्रवार को दादा-दादी और उसके पिता को बुलवाकर सख्त आदेश दिया कि बालिका के लालन-पोषण एवं रखरखाव में कोई कमी नहीं रखी जाए। साथ ही दादा द्वारा झूठी शिकायत करवाने पर उनसे माफीनामा भी लिखवाया।

पूरा मामला इस प्रकार है कि मेघनगर निवासी शांतिलाल पाटीदार उम्र 49 वर्ष ने पिछले दिनों मेघनगर थाने पर यह रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनकी 3 वर्षीय पोती के साथ उसकी दादी अर्थात शांतिलाल की पत्नी और बेटे अर्थात लडक़ी के पिता द्वारा पारिवारिक विवाद के चलते झगड़ा एवं मारपीट की जाती है।

जिसके बाद पुलिस थाना मेघनगर द्वारा तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर इससे चाईल्ड लाईन को सूचित किया गया। चाईल्ड लाईन की टीम द्वारा यह मामला सीडब्ल्यूसी झाबुआ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद सीडब्ल्यूसी (न्याय पीठ) के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, युवा सदस्य प्रदीप ओएल जैन एवं विजयकुमार चौहान ने बालिका की लेडिस काउंसलर की मौजूदगी में काउंसिलिंग की गई।

जिसमें यह सामने आया कि शांतिलाल पाटीदार ने उनकी पारिवारिक रंजिश एवं झगड़े होने से पुलिस थाने पर यह झूठा मामला दर्ज करवाया था।

दादा से लिखवाया माफीनामा

जिसके बाद न्याय पीठ ने तत्काल ही लडक़ी के दादा-दादी और पिता को बुलवाकर सख्ती से यह आदेशित किया कि बालिका का लालन-पोषण और देखरेख समूचित ढ़ंग से किया जाए। साथ ही दादा शांतिलाल पाटीदार को फटकार लगाते हुए कहा कि अगली बार उन्होंने झूठी शिकायत करवाई तो सीडब्ल्यूसी उन पर सख्ती से कार्रवाई करेगा।

साथ ही उनसे इस दौरान माफीनामा लिखवाने के बाद बालिका को परिवारजनों के सुपुर्द किया गया। न्याय पीठ ने चाईल्ड लाईन को भी आदेशित किया है कि वह समय-समय पर लडक़ी के घर जाकर मानिटरिंग करते रहे। किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर न्याय पीठ को अवगत करवाएं।

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