वीआईपी पाइंट पर आते रहे..गर्भगृह और नंदीहाल से बिना टिकट चलते रहे दर्शन

पुरोहितों में आक्रोश, शनिवार को अंदर से रहा प्रवेश बंद

उज्जैन, अग्रिपथ। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अफसर दूसरों पर तो टिकट लेने का दबाव बना रहे हंै, लेकिन उनके अपने परिचितों और विशिष्ट अतिथियों को प्रतिबंध वाले दिन भी बिना टिकट दर्शन करवा रहे हैं। ऐसा ही कुछ शनिवार को महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह और नंदीहाल में प्रतिबंध के बावजूद यह नजारा देखा गया। इससे पुरोहितों में आक्रोश पनपा हुआ था।

विशिष्ट अतिथि देवो भव: के सिद्धान्त पर जिला प्रशासन के अफसर महाकालेश्वर मंदिर में दूसरों पर बिना टिकट दर्शन, अभिषेक करने पर तो प्रतिबंध लगा रहे हैं, लेकिन असल में ये स्वयं अपने आने वाले आला प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के टिकट नहीं कटवा रहे हैं। कटवाएं तो कैसे….नौकरी जो करना है।

मंदिर में पुजारी पुरोहित भी सब कुछ होता हुआ अपनी आंखों से देख तो रहे हैं, लेकिन कह कुछ भी नहीं पा रहे। ऐसा ही कुछ शनिवार को हुआ। गर्भगृह से भगवान महाकाल के दर्शन बंद थे। लेकिन बिना पुरोहितों के अधिकारी पाइंट लाते रहे और चांदी द्वार से अति विशिष्ट लोगों को दर्शन करवाते रहे।

इससे पुरोहितों में आक्रोश पनपा हुआ था। प्रतिबंधित दिन तो बिना पुरोहितों के दर्शन करवाना उनके हितों पर कुठाराघात है। कर्मचारी भी बड़े अधिकारी का पाइंट होने के कारण कुछ भी पूछने में असमर्थ रहे। यह आज से नहीं बल्कि उसी दिन से शुरू हो गया था, जिस दिन से जिला प्रशासन ने मंदिर के दर्शन की 100, भस्मारती की 200 और जलाभिषेक की 1500 की टिकट का प्रावधान किया था।

वाट्सअप गुुप पर डाले जा रहे नाम

बताया जाता है कि जिला प्रशासन के आला अधिकारियों का वाट्सअप गुु्रप है। इस गु्रप पर जिन व्यक्तियों के दर्शन करवाने होते हैं, उनके नाम डाल दिए जाते हैं। इसके बाद अधीनस्थ अफसर इस नियम को फालो करवाते हैं। इसमें इन लोगों का टिकट लेने का तो सवाल ही नहीं उठता है। यदि टिकट लिया भी जाता है तो इसको सार्वजनिक क्यों नहीं किया जाता। यइ सवाल आम जनता के मन में कौंध रहा है।

कैसे करेंगे अंदर से दर्शन, कहां से मिलेगी जानकारी

शनिवार को बड़ी संख्या में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए देश के कोने कोने से श्रद्धालु आए थे। लेकिन प्रतिबंध की जानकारी नहीं होने के कारण वे मनमसोसकर गणपति मंडपम की रैलिंग से ही दर्शन कर खुश हो गए। कई लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि गर्भगृह में प्रवेश किस तरह से मिल पाएगा।

मंदिर प्रशासन ने भी इस के प्रचार प्रसार में अभी तक कोई प्रयास नहीं किया है। यदि मंदिर के अंदर और बाहर होर्डिंग, फ्लैक्स लगा दिए जाएं तो बाहर से दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिल पाएगी।

वृद्धों, असहाय, दिव्यांगों को नि:शुल्क कूपन

शनिवार से वृद्धों, असहाय, दिव्यांगों को मंदिर प्रबंध समिति द्वारा नि:शुल्क दर्शन कराए गए। मंदिर के 4 नंबर गेट से दर्शन को आने वाले इन लोगों के परिजनों को नि:शुल्क कूपन दिए गए जिसकी सहायता से वे व्हील चेयर लेकर दर्शन को गए। मंदिर के प्रोटोकाल प्रभारी राजेन्द्रसिंह सिसौदिया ने बताया कि वृद्धों, असहाय, दिव्यांगों बड़ी संख्या में दर्शन को आए तो उनको नि:शुल्क कूपन प्रदान किए गए।

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