जिला प्रशासन इन दिनों मिलावटखोरों और कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई में जुटा है। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा चलाया गया अभियान शुद्ध के लिए युद्ध को वर्तमान सरकार ने भी यथावत रखा है। फलस्वरूप खाद्य सामग्रियों में मिलावट करने वाले पकड़े जा रहे हैं। लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले लालचियों को जेल भेजा जा रहा है और तगड़ा जुर्माना भी किया जा रहा है। इस कार्रवाई की चारों ओर प्रशंसा की जा रही है। प्रशासनिक अमले ने मावा, दूध, दवाई, मिर्च-मसाले आदि के मिलावटियों पर तो कार्रवाई कर दी है, लेकिन एक और ऐसा तबका बाजार में मौजूद है, प्रशासन की नजरों से बचा हुआ है। यह है फल व्यापारी। शहर के केला, पपीता, सेवफल, आम आदि फल शहर के बाहर से आते हैं और चुनिंदा व्यापारियों के गोदाम में पहुंच जाते हैं। बाहर से आने वाला यह फल कच्चा होता है जिसे गोदाम में नियम विरुद्ध कार्बेट से पकाया जाता है। स्वास्थ्य जानकारों का तो यहां तक कहना है कि कार्बेट से पका फल उपयोग करना कैंसर का कारण भी बन सकता है। फल का उपयोग अमूनन हर व्यक्ति करता है। सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर भी कार्रवाई का डंडा घूमना चाहिए।