सूर्य आराधना के लिए पौष माह का विशेष महत्व
उज्जैन, अग्निपथ। सूर्य धनु राशि में 15 दिसंबर को प्रवेश कर जाएंगे। वह 1 माह यानी 14 जनवरी तक इसे राशि में रहेंगे। इस दौरान एक माह तक मांगलिक कार्यों विवाह आदि पर रोक लग जाएगी। यह माह सूर्य आराधना के लिए विशेष माना जाता है। इस माह को खरमास या मलमास भी कहा जाता है।
पं. नारायण शास्त्री ने बताया कि 1 माह बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे और मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन मलमास समाप्त हो जाएगा। यह मकर संक्रांति 14 जनवरी को आएगी। इसके बाद फिर से शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। 1
4 दिसंबर को मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से मलमास शुरू हो रहा है। अगले दिन 15 दिसंबर को सुबह 4.42 बजे सूर्य वृश्चिक राशि छोडक़र धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसे सूर्य की धनु संक्रांति कहते हैं। इसके बाद एक माह तक मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। पौष माह सूर्य आराधना के लिए विशेष माना गया है।
मकर सक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर सक्रांति का विशेष धार्मिक महत्व होता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही मांगलिक और शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे।