प्रभारी मंत्री की नाराजगी के बाद भी महिला चिकित्सक पर नहीं हुई कार्रवाई
शाजापुर, अग्निपथ। जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर को रोकने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित कर अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव कराने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन निजी अस्पतालों की तर्ज पर ही शाजापुर जिला अस्पताल में सरकार की मंशा को पलीता लगाते हुए महिला चिकित्सक और स्टॉफ नर्सों के द्वारा गरीबों के साथ लूटमार की जा रही है।
शाजापुर अस्पताल में लंबे समय से स्टॉफ नर्सों द्वारा सामान्य प्रसव के नाम पर अवैध वसूली के मामले सामने आते रहे हैं तो वहीं अस्पताल की महिला चिकित्सक की करतूत भी लगातार सामने आई है, जहां पीडि़ता से डॉ स्मितासिंह द्वारा ऑपरेशन के नाम पर रुपए वसूले गए हैं। स्मितासिंह पर पूर्व में भी वसूली के आरोप लग चुके हैं परंतु जिम्मेदारों द्वारा मामले में कोई कठोर कार्रवाई नही की गई है।
नतीजतन अस्पताल में प्रसव के लिए वसूली का काम बेखौफ जारी है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों प्रभारी मंत्री यादव ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान ग्राम नारायणगढ़ निवासी सरदार परिहार पिता प्रहलादसिंह ने मंत्री से शिकायत की थी कि उसकी पत्नी सुनीता परिहार को प्रसव पीड़ा होने पर उसने 9 दिसंबर 2021 को जिला अस्पताल शाजापुर में भर्ती कराया था।
यहां मौके पर मौजूद स्टॉफ नर्स ने भर्ती कर कहा कि डॉ स्मिता सिंह से उनके क्लीनिक सुयश मेडिकल स्टोर नई सडक़ पर जा कर बात करो इसके बाद ही प्रसव कराया जाएगा। पीडि़त ने बताया कि जब वह क्लीनिक पर पहुंचा तो वहां मौजूद कर्मचारी ने कहा कि मैडम ने ऑपरेशन करने को कहा है इसके लिए दस हजार रुपए जमा करा दो, राशि जमा कराने के बाद मैडम जिला अस्पताल में ऑपरेशन करेंगी।
कर्मचारी के कहने पर मेडिकल स्टोर पर 8 हजार रुपए जमा किए। इस पर कर्मचारी ने डॉ स्मिता सिंह को फोन कर कहा कि सुनीता की राशि आ गई है, जिसके बाद मैडम ने ऑपरेशन के लिए अस्पताल पहुंचाया।
सरदार की इस शिकायत के बाद मंत्री यादव ने कलेक्टर दिनेश जैन और सिविल सर्जन डॉ बीएस मैना को निर्देश दिए कि वे डॉ स्मिता सिंह के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करें। फिलहाल मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पीडि़त को धमका रहे अस्पतालकर्मी
जिला अस्पताल की महिला चिकित्सक के खिलाफ पीडि़त सरदार द्वारा प्रभारी मंत्री से शिकायत करने के बाद अस्पताल के कर्मचारी उसे धमका रहे हैं। जिससे परेशान होकर पीडि़त ने कलेक्टर को आवेदन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है। पीडि़त ने कलेक्टर के नाम दिए आवेदन में बताया कि प्रभारी मंत्री से शिकायत के बाद अस्पताल के कुछ कर्मचारी उसे धमका रहे हैं। मामले में कार्रवाई की मांग की गई है।
रुपए नही देने पर किया जाता है रैफर
आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार शासकीय अस्पतालों को हाईटेक करने में जुटी हुई है और जटिल प्रसव प्रकरणों के मामलों में महिलाओं के जिला अस्पताल में नि:शुल्क ऑपरेशन की सुविधा भी दी गई है, परंतु शाजापुर जिला अस्पताल की महिला चिकित्सक स्मितासिंह लोगों से ऑपरेशन के नाम पर 10 हजार रुपए की मांग कर रही हैं।
इतना ही नही ऑपरेशन की राशि नही देने पर गर्भवती महिलाओं को इंदौर या उज्जैन रैफर करने की बात भी कही जा रही है। जिला अस्पताल में चल रहे अवैध वसूली के गोरखधंधे की कई बार शिकायत हो चुकी है, लेकिन हर बार जिम्मेदारों के द्वारा मामले में लीपापोती कर दी जाती है।