उज्जैन, अग्निपथ। नृत्य एक गणित है, इसमें लय -ताल , हाव – भाव, एवं अंगभंगीमाओं के तालमेल के साथ विभिन्न ज्यामितीय आकार जैसे गोल, त्रिकोण, रेखा आदि के साथ नर्तक अपने शरीर को विभिन्न आकार देकर नृत्य में प्रभाव उत्पन्न करता है।
यह बात स्पीक मैके एवं आईओसीएल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला प्रदर्शन के तृतीय दिवस नई दिल्ली से आई कत्थक नृत्यांगना लीना मलाकार ने शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दौलतगंज क्रमांक 1 सुदामा नगर में दोपहर 1 बजे अपनी प्रथम प्रस्तुति देते हुए कही। सुश्री लीना ने कार्यक्रम की शुरुआत गुरु वंदना गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु से की एवं गुरु की महिमा का बखान किया।
तत्पश्चात 10 अवतारों के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया कि पौराणिक कथाएं कैसे विज्ञान से जुड़ी हैं। साथ ही विभिन्न हस्त मुद्राओं जैसे पताका, अर्द्धपताका आदि का प्रयोग भी विद्यार्थियों को बताया। यहां अतिथियों का स्वागत शिक्षिका भावना व्यास ने किया।
द्वितीय प्रस्तुति दोपहर 2:30 बजे शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय भैरवगढ़ पर हुई। यहां छात्राओं को नृत्य की बारीकियां समझाते हुए लीना ने बताया कि कत्थक में विभिन्न हस्त मुद्राओं के माध्यम से कथाओं का वर्णन किया जाता है। कार्यक्रम के अंत में राग बागेश्वरी, झपताल एवं 10 मात्रा में निबद्ध तराना पर नृत्य प्रस्तुत करते हुए अपनी तकनीकी दक्षता का परिचय दिया। आभार शिक्षिका रचना वर्मा ने माना।
स्पीक मैके की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पंकज अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को सुश्री लीना दोपहर 1 बजे कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास दशहरा मैदान एवं दोपहर 2:45 बजे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महाराज वाड़ा क्रमांक 1 पुलिस लाइन देवास रोड पर अपनी प्रस्तुति देंगी।