ये कमी बढ़ा रही है लोगों में डिप्रेशन और टेंशन
भारत में 49 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनमें विटामिन-D की कमी है। ये खुलासा साइन्स जर्नल नेचर की एक हालिया रिपोर्ट में किया गया है। इसके पहले भी 2020 के एक शोध में पाया गया था कि देश के 76% लोग विटामिन-D की कमी से जूझ रहे हैं। एक्स्पर्ट्स की मानें, तो यह कमी ज्यादा समय घर में रहने, प्रदूषण, जंक फूड खाने और पौष्टिक आहार ना मिलने से हो रही है।
ये कहती है रिसर्च
शोधकर्ताओं के अनुसार, भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और तुनीसिया जैसे देशों की 20% आबादी में विटामिन-D की कमी है। इनमें से 49 करोड़ लोग भारतीय हैं। इसके अलावा, अमेरिका, कनाडा और यूरोप में यह आंकड़ा 5.9%, 7.4% और 13% है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में विटामिन-D की कमी और ज्यादा बढ़ गयी है।
विटामिन-D की कमी का डिप्रेशन से कनेकशन
विटामिन-D और मेंटल हैल्थ का संबंध क्या है, इसे जानने के लिए दुनिया भर में रिसर्च की जा रही हैं। शोधकर्ता लॉरेन हार्म्स के मुताबिक, विटामिन-D की कमी से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होने की संभावना होती है। कोरिया में हुई एक रिसर्च में जिन व्यक्तियों को शोध में शामिल किया गया था, उनमें डिप्रेशन के साथ-साथ विटामिन-D की कमी भी पाई गई थी। कनाडा की मेक्मास्टर यूनिवर्सिटी की रिसर्च में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था।
‘संशाइन विटामिन’ की कमी का नाता नींद से भी है। यह मेलाटोनिन और सेरोटोनिन नामक दो हॉरमोन को रेगुलेट करता है, जो नींद और मूड को प्रभावित करते हैं। यह विटामिन चिंता से बचने और नींद की क्वालिटी को अच्छा करने के लिए बेहद जरूरी है।
शरीर में विटामिन-D को ऐसे बढ़ाएं
विटामिन-D का सबसे बड़ा स्रोत सूरज की रोशनी है। इसके अलावा, मछली, एनिमल फैट, संतरे का जूस, दूध और अनाज का सेवन करने से ये कमी दूर हो सकती है। वैज्ञानिकों की मानें, तो डार्क स्किन वाले लोगों में मेलानिन (एक स्किन पिगमेंट) की कमी होती है, जिससे विटामिन-D का निर्माण कम होता है। इसलिए उन्हें धूप में ज्यादा समय रहना चाहिए। डॉक्टरों का यह भी कहना है कि बॉडी मास इंडैक्स (BMI) सही रखने से भी विटामिन-D की कमी पूरी हो सकती है।