निजीकरण के विरोध में शासकीय व अद्र्धशासकीय बैंककर्मियों की हड़ताल, दो दिन में 20 करोड़ का ट्रांजेक्शन प्रभावित

सरकार ने बिल वापस नहीं लिया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल

नागदा, अग्निपथ। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए संसद में बैंकों के निजीकरण के बिल का विरोध देशभर में भी है। सरकार की नीति के विरोध में देशभर में चल रही बैंककर्मियों की हड़ताल का असर नागदा में भी नजर आया। शहर की 9 शासकीय व अद्र्धशासकीय बैंकें दो दिन से बंद रही। जिसके चलते कई महत्वपूर्ण काम प्रभावित हुए।

गुरुवार से शुरू हुई हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। इस दिन स्थानीय बैंक कर्मचारियों ने यहां प्रदर्शन करने के बाद उज्जैन में हुए जिला स्तरीय प्रदर्शन में शामिल हुए। शनिवार को बैंक चालू रहेगी। एम्प्लाइज यूनियन के सचिव दीपक मीणा ने बताया कि संसद सत्र में सरकार सभी शासकीय व अद्र्धशासकीय बैंकों के निजीकरण का बिल लेकर आई है। चूंकि शासन की कई महत्वपूर्ण योजनाएं बैंकों के माध्यम से ही संचालित होती है।

ऐसे में बैंकों का निजीकरण होने से आम लोगों के साथ बैंकों की व्यवस्थाएं भी प्रभावित होगी। हालांकि इस बीच डिजिटलाइजेशन काम प्रभावित नहीं हुआ है। जिससे ग्राहकों को ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ा। सरकार ने दो दिन में बिल वापस लेने पर विचार-विमर्श नहीं किया तो अनिश्तिकालीन हड़ताल की जाएगी।

हड़ताल से नुकसान

हड़ताल के चलते दो दिन में 20 करोड़ का ट्रांजेक्शन व तीन करोड़ का आरटीजीएस, क्लियरिंग प्रभावित हुई है। इसके अलावा तीन हजार किसानों की केसीसी, बीमा क्लेम आदि काम प्रभावित हुए है।

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