रेप पीडि़ता का आरोप झूठा : हमला नहीं हुआ खुद ने मारी थी ब्लेड

चाकूबाजी के गवाह को फंसाने के लिए गुंडे ने रची थी साजिश,जांच के बाद कार्रवाई

उज्जैन,अग्निपथ। एकता नगर में 10 दिन पहले रेप पीडि़ता पर चाकू मारने की घटना झूठी निकली। महिला ने आरोपी और उसके दोस्त को फंसाने के लिए खुद ही अपनी गर्दन पर ब्लेड मारकर हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वजह प्रेमी गुंडे पर चल रहे प्राणघातक हमले के केस में गवाही बदलवाना थी। खास बात यह है कि नीलगंगा पुलिस के सामने सच का खुलासा होते ही महिला भूमिगत हो गई।

सर्वविदित है बसंत विहार निवासी महिला ने 7 दिसंबर की रात नीलगंगा थाने में रमेश मालवीय व मोहन पटेल के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। बताया था कि वह एकता नगर से घर जा रही थी इसी दौरान दोनों बाइक से आये और उसे चाकू मारकर भाग गए। आरोप लगाया था कि रमेश उसके साथ दुष्कर्म करने के केस में फरार है। प्रकरण वापस की बात करते हुए धमकाने के लिए उस पर हमला किया है।

मामला संदिग्ध होने पर पुलिस जांच कर रही थी कि 9 दिसंबर को महिला का प्रेमी अमरदीप नगर का गोलू उर्फ आकाश पिता रामविलास, प्रकाश नगर निवासी सुधीर गोमे के साथ जहरीली शराब बेचते पकड़ा गया। हमले के संबंध में पूछताछ करने पर गोलू ने बताया कि महिला ने खुद अपने ही हाथ से गर्दन पर ब्लेड मारी थी।

इधर गोलू के पकड़ाने से हमले का राज खुलने का पता चलते ही महिला गायब हो गई। पुलिस उसे बयान के लिए तलाश रही है। हालांक पुलिस मामले में कुछ भी स्पष्ट कहने से बच रही है।

बयान बदलने से हुआ था शक

पुलिस रिकार्डनुसार कथित हमले के बाद महिला ने तीन बार बयान बदले। पहले कहा कि दो नकाबपोश चाकू मारकर बाइक से भाग गए। फिर बाइक पर पीछे से आए दो बदमाशों द्वारा हमले का कहा। अंत में रमेश व महेश के खिलाफ केस दर्ज करा दिया,जबकि मेडिकल रिपोर्ट में सेल्फ इंज्यूरी आने पर जांच कर ही रहे थे कि 9 दिसंबर को रमेश की बहन तनु मालवीय थाने पहुंची।

रिपोर्ट लिखाई कि गोलू ने घर आकर धमकाया कि उसके भाई रमेश 307 के केस में गवाही नहीं दे। गोलू जहरीली शराब बेचते पकड़ाया तो उसने महिला को चाकू मारने का सच उगल दिया।

महिला ने दर्ज किए तीन केस

याद रहे महिला तीन बच्चों की मां है और पति को छोडक़र करीब चार साल से आगर रोड निवासी रामचरण जाट उर्फ रामू के साथ रह रही थी। उसने 29 नवंबर को रामू व उसके दोस्त रमेश मालवीय के खिलाफ नानाखेड़ा थाने में दुष्कर्म का केस दर्ज किया था। पुलिस ने रामू को जेल भेज दिया।

रमेश को फरार देख पीडि़ता ने नानाखेड़ा थाने में रमेश व मोहन पटेल के खिलाफ धमकाने का केस दर्ज कराया। वहा भेजे मामले नीलगंगा पुलिस जांच कर ही रही थी कि पीडि़ता ने हमले की कहानी बना दी।

गवाह को डराने के लिए साजिश

पुलिस रिकार्डनुसार गोलू सहित पांच लोगों पर वर्ष 2020 में जानलेवा हमले का केस दर्ज हुआ था। मामले में रमेश,मोहन की 15 दिसंबर को गवाही थी। उनके बयान बदलवाने के लिए गोलू ने रमेश के दोस्त रामू की प्रेमिका को फांसा और उससे रामू व रमेश के खिलाफ नानाखेड़ा थाने में दुष्कर्म की शिकायत करवाई।

मामले को सुर्खियों में लाने के लिए पुलिस पर रिपोर्ट नहीं लिखने का आरोप लगाया। फिर रेप पीडि़ता से रमेश व महेश पर धमकी देने का केस दर्ज कराया। अंत में हमले के मामले में फंसाया। बताया जाता है गोलू 2017 में ाी जानलेवा हमले के केस में ेइसी तरह गवाह को फंसाकर बरी हुआ था।

इनका कहना

महिला को धमकाने और चाकू मारने के केस में फिलहाल सूक्ष्मता से जांच कर रहे हैं। महिला को बयान के लिए तलाश रहे है। पुख्ता प्रमाण के बाद दोषी पर कार्रवाई की जाएगी। -तरुण कुरील,टीआई नीलगंगा

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