विवादित कार्यशैली भारी पड़ी : ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. पीएन वर्मा ने लिया चार्ज
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. महेश मरमट को आखिरकार अपने पद से हटना पड़ा। हमेशा से ही विवादों में रहने वाले डॉ. मरमट का कार्यकाल जिला अस्पताल में भी विवादों भरा रहा। मंगलवार को ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. पीएन वर्मा ने कलेक्टर के आदेश पर अस्थाई रूप से सिविल सर्जन का पदभार ग्रहण कर लिया। दैनिक अग्निपथ ने पिछले दिनों प्रकाशित अपने अंकों में उनकी विवादित कार्यशैली को प्रकाशित किया था। खबर का असर रहा कि उनको पद से कुछ समय बाद ही हटा दिया गया।
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. महेश मरमट जब माधव नगर अस्पताल में अधीक्षक के तौर पर पदस्थ थे, उस समय भी उनका कार्यकाल विवादास्पद रहा। उन पर लापरवाही और तानाशाही पूर्वक काम करने के आरोप थे। इसी के चलते पूर्व कलेक्टर शशांक मिश्र ने उनको माधव नगर अस्पताल के इंचार्ज पद से हटा दिया था। इसके बाद उनको जिला चिकित्सालय हड्डी वार्ड स्थानांतरित होने के चलते हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ कर दिया गया था, लेकिन पूर्व सिविल सर्जन डॉ. आरपी परमार के कोरोना की चपेट में आ जाने और उनकी स्थिति अत्यंत गंभीर होने के कारण डॉ. महेश मरमट को कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रभारी सिविल सर्जन बना दिया था।
दैनिक अग्निपथ ने 10 नवम्बर को…सिविल सर्जन करते हैं….बेवजह परेशान और 5 दिसम्बर को …जांच के बीच प्रभारी सिविल सर्जन का आदेश…..ओटी इंचार्ज को भेज दिया लेबर रूम हेडिंग से समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें बताया गया था कि जांच के बीच डॉ. महेश मरमट ने उसी इंचार्ज सिस्टर का तबादला कर दिया था, जिसने जांच बैठवाई थी। इसी का असर रहा कि कलेक्टर ने आदेश जारी कर नवागत प्रभारी सिविल सर्जन को इस पद पर बैठा दिया।
स्टाफ नर्सों-इंचार्जों पर कसा शिकंजा
पूर्व प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. महेश मरमट ने सिविल सर्जन पद का प्रभार संभालते ही विवादास्पद कार्यशैली में काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने इंचार्ज नर्सों के कार्य समय में परिवर्तन करते हुए 2 घंटे अतिरिक्त काम करने के आदेश जारी कर दिए। जिला अस्पताल की इंचार्ज सिस्टर लवलीना सिंह को आदेश नहीं मानने के कारण चरक अस्पताल स्थानांतरित कर दिया था।
उनकी शिकायत कलेक्टर सहित कमिश्नर को की गई थी। विरोध स्वरूप जिला अस्पताल, माधव नगर अस्पताल सहित शहर के अन्य शासकीय अस्पतालों के स्टाफ नर्सों ने विरोध स्वरूप एक दिन अपने हाथ में काला रिबन बांधकर विरोध भी दर्शाया था। इसके बाद उन्होंने फिर से जिला चिकित्सालय की ओटी में पदस्थ इंचार्ज सिस्टर नीता सिंह को वहां से हटाकर चरक अस्पताल में पदस्थी के आदेश जारी कर दिए। नीता सिंह ने उनके खिलाफ कलेक्टर आशीष सिंह से रूबरू होते हुए मुलाकात की और एक ज्ञापन देकर प्रभारी सिविल सर्जन द्वारा प्रताडि़त करने की बात कही गई, जिस पर कलेक्टर ने जांच बैठाते हुए जनपद पंचायत सीईओ अंकित अस्थाना को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे।
लेकिन हाल ही में उन्होंने फिर से जांच के बीच में उनके स्थानांतरण के आदेश जारी कर दिए और लेबर रूम में पदस्थ कर दिया। उनकी जगह सुरेखा गुरेव को जिला चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर का इंचार्ज बना दिया गया। इसकी शिकायत भी कलेक्टर सहित कमिश्नर को पहुंची थी। इसके अलावा जांच अधिकारी के पास मरीजों को प्रायवेट हास्पीटल में ले जाने, पुराने भुगतान रोके जाने सहित अन्य शिकायतें भी पहुंची थीं। साथ ही जेडी आफिस से भी उनकी जांच चल रही थी।
चार डॉक्टर्स के बीच थी पद की दौड़, फायदा मिला डॉ. वर्मा को
जानकारी के अनुसार काफी समय से प्रशासनिक हल्कों में चार डॉक्टर डॉ. दीपक पिप्पल, डॉ. पीएन वर्मा, डॉ. यूएस मालवीय, डॉ. महेश मरमट में से किसी एक को सिविल सर्जन पद पर पदस्थी की चर्चा चल रही थी। लेकिन डॉक्टर मरमट का कार्यकाल विवादास्पद होने के चलते डॉ. पीएन वर्मा जो कि पूर्व में भी सिविल सर्जन पद का दायित्व संभाल चुके हैं, उनको सिविल सर्जन पद पर पदस्थ कर दिया गया। मंगलवार को उन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया।