दो दिन और रहेगा असर, बर्फीली हवाओं से दो दिन और राहत नहीं
उज्जैन। उत्तर से आ रहीं ठंडी हवाओं ने मध्य प्रदेश में कंपकंपी बढ़ा दी है। दिन और रात के तापमान बहुत ज्यादा गिरावट आने से ठंड बढ़ गई है। प्रदेश में ग्वालियर और नौगांव सबसे सर्द रहा। यहां शनिवार रात का पारा 1.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। पचमढिय़ा-उमरिया में न्यूनतम पारा 2 डिग्री दर्ज हुआ।
भोपाल, सागर समेत 15 शहरों में शीतलहलर और अति शीतलहर (कोल्ड और सीवियर कोल्ड) का प्रकोप रहा। मौसम वैज्ञानिक जेडी मिश्रा ने बताया कि अभी दो दिन तक इसी तरह ठंड के तेवर रहेंगे।
उज्जैन में रात का पारा सामान्य से 7 डिग्री से भी ज्यादा नीचे आ गया। भोपाल में सीजन में पहली बार पारा 4 डिग्री सेल्सियस रहा। सागर में 4.4 रिकॉर्ड हुआ। प्रदेश के 15 शहरों में रात के पारे में 4 डिग्री से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। ये इलाके सीवियर कोल्ड की चपेट में आ गए।
उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं से अभी दो दिन और राहत नहीं मिलने की संभावना मौसम विभाग जता रहा है। शनिवार की रात सीजन की सबसे सर्द गुजरी है। हालांकि रविवार सुबह धूप निकलने के बाद मौसम साफ हो गया था। लेकिन बर्फीली हवाएं लोगों को घरों में कंपकंपाती रहीं। मौसम विभाग ने दो दिन और तापमान में और कमी आने का अनुमान जताया है।
उज्जैन में एक रात में करीब चार डिग्री गिरा पारा
उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी के चलते मौसम पूरी तरह से सर्द हो चुका है। 6 से 8 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही बर्फीली हवा कड़ाके की ठंड का अहसास करा रही है। शीतलहर के बीच सीजन की सबसे ठंडी रात शनिवार-रविवार की रही। जीवाजी राव वेधशाला उज्जैन में न्यूनतम तापमान 6.8 डिसे दर्ज किया गया है। इससे पहले शुक्रवार-शनिवार रात न्यूनतम तापमान 10.7 डिग्री दर्ज हुआ था।
जहां न्यूनतम तापमान में गिरावट आ रही है वहीं अधिकतम तापमान शनिवार को जहां गिरा वहीं रविवार को तेज धूप निकलने से बढ़ गया। शनिवार को अधिकतम तापमान 18.5 डिग्री दर्ज हुआ था। लेकिन रविवार को बढक़र 20 डिग्री पर पहुंच गया था। हवा की गति सुबह 6 किलोमीटर प्रतिघंटे की थी जो धूप निकलने के बावजूद 8 किमी प्रतिघंटे तक पहुंच गई।
जीवाजी राव वेधशाला अधीक्षक राजेन्द्र गुप्त ने बताया कि फिलहाल दो दिन और मौसम विभाग तेज गति से बर्फीली हवा चलने की चेतावनी जारी की है। जिससे तापमान में और गिरावट हो सकती है।
लोगों ने लिया तेज धूप का आनंद
शनिवार को जहां लोग दिन में भी गर्म कपड़े पहने नजर आ रहे थे, लेकिन रविवार को तेज धूप खिलने के कारण गर्म कपड़ों की तादात शरीर पर कम नजर आई। लोगों ने अपने घरों के बाहर आंगन में और छतों पर तेज धूप में बैठकर आनंद लिया। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को परिजनों ने बाहर कुर्सी पर बैठाकर तेज धूप लेने का आग्रह किया। लेकिन घरों के अंदर जाने पर फिर वही तेज ठंड महसूस होती रही।
ठंड से टूटी पटरी, ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोकी ट्रेन
दतिया में इटावा से भिंड, ग्वालियर, डबरा होते हुए झांसी जा रही इटावा-झांसी लिंक एक्सप्रेस शनिवार को ड्राइवर की सतर्कता से हादसे का शिकार होने से बची। सोनागिर-दतिया के बीच रेलवे ट्रैक ठंड से टूट गई और इसमें दो इंच का गैप हो गया। ट्रेन का इंजन जैसे ही पटरी से गुजरा तो अचानक तेज आवाज आई। ड्राइवर ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाए। इसके बाद इंजीनियरों ने ट्रेन के बीचों-बीच पटरी के फ्रेक्चर को दो जॉइंट लगाकर ठीक किया।
भोपाल-ग्वालियर में टूटा रिकॉर्ड
उत्तर से आ रही ठंडी हवाओं के कारण राजधानी भोपाल और ग्वालियर में बीती रात रिकॉर्ड ठंड रही। पिछले 10 साल में दोनों शहरों में पहली बार पारा इतने नीचे चला गया। ग्वालियर में न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस रहा, तो भोपाल में यह 4 डिग्री पर आ गया। इससे पहले ग्वालियर में साल 2019 में दिसंबर में रात का पारा सबसे कम 2.1 डिग्री तक पहुंचा था।
इसलिए, ग्वालियर सबसे सर्द
मध्यप्रदेश में ग्वालियर सबसे सर्द है। ग्वालियर में शनिवार को रात का पारा 1.8 डिग्री दर्ज हुआ। सुबह ओस की बूंदें जम गईं। इससे पहले 2019 में दिसंबर में रात का पारा 2.1 डिग्री दर्ज हुआ था। दस साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो दिसंबर की रातों का पारा 10 डिग्री से कम ही रहा है। मौसम वैज्ञानिक हुकुम सिंह के मुताबिक ग्वालियर-चंबल कड़ाके की ठंड पडऩे की वजह यहां की जलवायु है।