उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को श्रद्धालुओं द्वारा जो चिरौंजी का प्रसाद चढ़ाया जा रहा है उसमें रखा गया भगवान महाकाल का फोटो कचरे के डिब्बे तक में पाया जा रहा है। ऐसे में भगवान महाकाल का अनादर हो रहा है और लोगों की आस्था प्रभावित हो रही है। मंदिर प्रशासन को चिरौंजी प्रसाद पैकेट के अंदर से इनको हटवाया जाना चाहिए।
महाकालेश्वर मंदिर के आसपास स्थित हारफूल दुकानों पर मिलने वाला चिरौंजी प्रसाद का छोटा पैकेट 51 और बड़ा 101 रुपए में श्रद्धालुओं द्वारा खरीद कर भगवान महाकाल को चढ़ाया जाता ह।ै लेकिन इसके अंदर भगवान महाकाल का एक छोटा सा फोटो भी हार फूल वालों द्वारा रखा जाता है। जिसको श्रद्धालु श्रद्धा पूर्वक अपने घर ले जाते हैं और कई श्रद्धालु इस को या तो कचरे के डब्बे में या मंदिर में ही इधर-उधर पटक देते हैं।
जिसके चलते अन्य श्रद्धालुओं की आस्था प्रभावित होती है। साथ ही एक हिंदू धर्म की गरिमा पर भी चोट पहुंचती है। मंदिर के पुजारी दिलीप गुरु और अन्य पुजारी पुरोहितों ने इस बात पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पैकेट के अंदर सस्ते कागज का फोटो रखा जाता है जो कि घर ले जाने लायक भी नहीं रहता है। वैष्णो देवी मंदिर के प्रसाद पैकेट में चिकना और अच्छी क्वालिटी का फोटो रखा जाता है। जिसको श्रद्धालु अपने घर ले जाकर अपने पूजा स्थल पर रख देते हैं।
लेकिन महाकालेश्वर मंदिर में विडंबना है कि हार फूल वाले अधिक लाभ कमाने और श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के चक्कर में सस्ते कागज का फोटो बनवा कर प्रसाद पैकेट में डाल देते हैं। जो कि किसी काम का नहीं रहता है।
फूलों के कचरे में पटक देते
श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाया गया चिरौंजी प्रसाद का फोटो हार फूल के साथ निर्माल्य गेट पर पटके गए फूलों के कचरे तक पहुंच जाता है। यह इनका संग्रहण कर एक ओर पटक दिया जाता है और फूलों को निगम की गाड़ी की सहायता से अगरबत्ती बनाने के कारखाने तक पहुंचा दिया जाता है। ऐसे में इसमें पटका गया भगवान महाकाल का फोटो कहां जाता होगा। यह बात आसानी से समझी जा सकती है।