वारिस ने दिया नामांतरण निरस्त करने का आवेदन
सरदारपुर, अग्निपथ। मामा की मौत के बाद भांजी ने उनकी फर्जी वसीयत बनाई और ममेरे भाई को मंदबुद्धि बताते हुए उनका मकान अपने नाम करवा लिया। अब भाई ने जनपद पंचायत सीईओ को आवेदन देकर नामांकन निरस्त करने की गुहार लगाई है। फुफेरी बहन के पति पर सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप भी लगाया है।
सरदारपुर तहसील के ग्राम दसई में रहने वाले रूपा पिता वरदीचंद ने मीडिया के सामने फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। रूपा के मुताबिक ग्राम पंचायत दसाई के भवन रिकॉर्ड से वार्ड क्रमांक 10 के खाता क्रमांक 487 पर पिता वरदीचंद के नाम से मकान दर्ज था। इस मकान पर संतोष बाई पति छगनलाल निवासी 96 सांवरियानगर धार के नाम से पंचायत रिकॉर्ड में नामांतरण किया गया है। उक्त नामांतरण अवैधानिक है क्योंकि भवन के नामांतरण के पूर्व मेरे पिताजी वरदीचंद पिता सोमाजी की 18 सितंबर 2018 को फर्जी वसीयत बनाई गई।
जिसमें मुझे मंदबुद्धि बताकर संतोषबाई के पक्ष में वसीयत बनाई गई। जिसमें दो फर्जी गवाह सूरज भूरिया और अंतरसिंह सोलंकी बनाए गए। उक्त दोनों व्यक्ति दसई के निवासी ही नहीं है। संतोष बाई रूपा बुआ की लडक़ी है और पिताजी के मकान पर उसका कोई वैधानिक हक भी नहीं बनता।
पति पंचायत सचिव है, इसलिए मिलकर की सांठगांठ
मीडिया से चर्चा में फरियादाी रूपा ने आरोप लगाया कि संतोष बाई के पति छगनलाल जनपद नालछा में सचिव हैं। इस कारण ग्राम पंचायत दसाई के सरपंच-सचिव से मिलीभगत कर फर्जी वसीयत के आधार पर मकान का नामांतरण पत्नी केे नाम करवा लिया गया। वहीं ग्राम पंचायत ने संतोष बाई पति छगनलाल निवासी हाल मुकाम 96 सांवरिया नगर के नाम पर उक्त मकान दर्ज होने का जावक क्रमांक 127 /2020 दिनांक 11 सितंबर 2020 को प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया।
दोषियों पर हो कार्रवाई
फरिदायी रूपा ने जनपद पंचायत सीईओ शैलेंद्र शर्मा को आवेदन सौंपकर ने पूरे मामले की जांच कर फर्जी नामांतरण निरस्त करने की गुहार लगाई है। साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की है।