बडऩगर पुल से गिरी रिटायर्ड शिक्षिका को साधु ने बचाया, पुलिस ने घर भेजा
उज्जैन,अग्निपथ। बडऩगर बायपास रोड पर मंगलवार दोपहर एक रिटायर्ड शिक्षिका पूल से फूल विसर्जित करते हुए क्षिप्रा नदी में गिर गई। हादसा होने पर एक साधू ने उन्हें बचा लिया,लेकिन मौके पर पहुंचे पुत्र ने मॉ के बचने पर नाराजगी जताते हुए उन्हें आत्महत्या करने का कह दिया। मामले में नीलगंगा पुलिस ने वृद्धा के बयान दर्ज कर उन्हें घर भेज दिया।
ऋषिनगर निवासी मनोरमा पति विजय बहादुरसिंह(7२)देवासरोड़ स्थित सरकारी स्कूल में शिक्षिका थी। 2008 में रिटायर होने के बाद वह परिवार के साथ रह रही है। कोरोना से पति की मौत के बाद से वह सदमे में है। मंगलवार दोपहर वह मंदिर गई। वहा से शांति पैलेस के पीछे स्थित पूल पर पहुची और शिप्रा नदी में गिर गई। इस पर उधर से गुजर रहे एक साधू ने नदी में कुंदकर उन्हें बचा लिया। राहगिरों ने घटना की सूचना पुलिस को देने के साथ ही मनोरमा देवी से नंबर पूछकर उनके बेटे अभिवन को कॉल कर दिया।
मौके पर पहुंची पुलिस मनोरमा देवी को मोबाईल वेन में बैठाकर थाने ले जाने लगी इसी दौरान आक्रोशित होकर पहुंचा और मॉ को अपमानित करते हुए बोला कि नोटंकी करने की जगह उसके नाम से आत्महत्या कर ले वह जेल जाने को तैयार है।
बेटा बोला माँ से परेशान हूँ
थाने में अभिनव ने बताया वह कोचिंग चलाता था,लेकिन कोरोना कॉल में क्लास बंद हो गई। पिता की भी मौत हो गई। इस घर की समस्या के बाद माँ भी उसे परेशान कर रही है। हालांकि पुलिस के सामने उसने माँ को मरने का नहीं कहा और बयान के बाद वह नाराज होते हुए उन्हें घर ले गया।
हादसा या आत्महत्या का प्रयास
थाने पर मनोरमा देवी ने टीआई तरुण कुरील को बयान दिया कि नदी में फूल व पूजन सामग्री विसर्जित करने के दौरान चक्कर आए और पैर स्लिप होने से नदी में गिर गई। वहीं कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वृद्धा जानबूझकर नदी में कुंदी थी। बचाने के बाद परिवार को परेशानी से बचाने का प्रयास कर रही है।